राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हांगकांग के एक प्रदर्शनकारी को नौ साल कैद की सजा

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हांगकांग के एक प्रदर्शनकारी को नौ साल कैद की सजा

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  • Publish Date - July 30, 2021 / 06:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

हांगकांग, 30 जुलाई (एपी) हांगकांग के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत पहली बार शुक्रवार को एक लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी को नौ साल कैद की सजा सुनाई गई।

हांगकांग उच्च न्यायालय ने संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दर्ज पहले मुकदमे की सुनवाई करते हुए तोंग यिंग कित (24) को मंगलवार को अलगाववाद तथा आतंकवादी घटनाओं में संलिप्त होने का दोषी ठहराया था।

तोंग पर आरोप था कि वह पिछले साल एक जुलाई को एक झंडा थामे, मोटरसाइकिल पर सवार होकर पुलिस अधिकारियों के समूह में घुस गया था। झंडे पर लिखा था, ‘‘हांगकांग को आजाद करो, यह हमारे समय की क्रांति है।’’

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने 2019 के मध्य में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश पर पिछले साल यह सुरक्षा कानून लागू किया था।

आलोचकों ने बीजिंग पर उस स्वायत्तता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया जब 1997 में हांगकांग को वापस चीन को दे दिया गया और वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में उसकी स्थिति को खत्म कर दिया गया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि वैध असहमति पर हमला करने के लिए सुरक्षा कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के एशिया-प्रशांत मामलों की क्षेत्रीय निदेशक यामिनी मिश्रा ने एक बयान में कहा कि तोंग की सजा ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एक झटका’’ है और सरकार के आलोचकों में यह कानून ‘‘आतंक पैदा करने का एक हथकंडा’’ है।

अमेरिकी सरकार ने एक बयान में तोंग के मुकदमे के ‘‘अन्यायपूर्ण नतीजे’’ की आलोचना की और कहा कि सुरक्षा कानून का इस्तेमाल ‘‘असहमति की आवाज को दबाने के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में’’ किया गया है। इसमें कहा गया है कि चीन हांगकांग के संविधान, मूल कानून और 1984 के चीनी-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा द्वारा क्षेत्र की वापसी पर गारंटीयुक्त अधिकारों की अनदेखी कर रहा है।

इस बीच चीनी अधिकारियों ने हालांकि इस आलोचना को खारिज किया है और कहा है कि बीजिंग अन्य देशों की तरह व्यवस्था बहाल कर रहा है और सुरक्षा स्थापित कर रहा है। सुरक्षा कानून के तहत 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

तोंग के वकीलों ने अदालत से 10 साल से ज्यादा की सजा नहीं सुनाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि अदालत में यह साबित नहीं हुआ है कि हमला जानबूझकर किया गया था।

गौरतलब है कि मंगलवार को तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने तोंग को दोषी ठहराते हुए कहा था कि उसने आतकंवादी गतिविधियों को अंजाम दिया जिसका मकसद राजनीतिक एजेंडा पूरा करने के लिये समाज को गंभीर नुकसान पहुंचाना था।

एपी

देवेंद्र मनीषा

मनीषा