संयुक्त राष्ट्र, 16 अप्रैल (एपी) रूस और यूक्रेन ने यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हुए हमलों के लिए सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष एक दूसरे पर दोषारोपण किया। इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि इसने दुनिया को ‘खतरनाक रूप से परमाणु हादसे के करीब’ पहुंचा दिया है।
आईएईए महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि उनकी एजेंसी ने 7 अप्रैल से जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ तीन हमलों की पुष्टि की है।
उन्होंने सुरक्षा परिषद से कहा, ‘ये लापरवाह हमले तुरंत बंद होने चाहिए। हालांकि, सौभाग्य से, इस बार उनके कारण कोई रेडियोलॉजिकल हादसा नहीं हुआ है, लेकिन इससे जोखिम काफी बढ़ जाते हैं… जहां परमाणु सुरक्षा से पहले ही समझौता किया जा चुका है।’
ग्रॉसी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि संयंत्र पर हमला करने वाले ड्रोन की रिमोट-नियंत्रित प्रकृति का मतलब है कि यह निश्चित रूप से पता लगाना असंभव है कि उन्हें किसने संचालित किया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा कुछ कहने के लिए हमारे पास सबूत होना चाहिए। ये हमले कई ड्रोनों से किए गए हैं।’
जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र दक्षिण पूर्वी यूक्रेन में रूस नियंत्रित क्षेत्र में स्थित है और इसके छह परमाणु रिएक्टर हैं।
यूक्रेन और उसके सहयोगियों ने सोमवार को स्थल पर खतरों के लिए फिर से रूस को दोषी ठहराया। अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने अमेरिका और स्लोवेनिया की पहल पर हुई सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, ‘रूस को इन जोखिमों की परवाह नहीं है।’
रूस के संयुक्त राष्ट्र राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा, ‘आईएईए की रिपोर्ट यह नहीं बताती है कि हमलों के पीछे कौन सा पक्ष है। हम अच्छी तरह जानते हैं कि यह कौन है।’
नेबेंजिया ने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में, ऐसे हमले न केवल फिर से शुरू हुए, बल्कि काफी तेज हो गए।’’
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सेर्गी किस्लित्स्या ने इन हमलों के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि ‘‘रूस ने यह सुनियोजित हमला अपने पड़ोसी देश पर आक्रमण से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए किया है।’’
एपी अमित मनीषा
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