antarctica breaking apart 2021 : तेजी से टूट रही है अंटार्कटिक ग्लेशियर का संरक्षण कर रही बर्फ की पट्टी

antarctica breaking apart 2021 : तेजी से टूट रही है अंटार्कटिक ग्लेशियर का संरक्षण कर रही बर्फ की पट्टी

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  • Publish Date - June 12, 2021 / 05:11 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

वाशिंगटन (Washington), 12 जून (एपी) पहले से ही नाजुक स्थिति वाला अंटार्कटिक (Antarctica का ग्लेशियर और अधिक असुरक्षित प्रतीत होने लगा है क्योंकि उपग्रह से ली गई तस्वीरों में बर्फ की वह पट्टी पहले के मुकाबले तेजी से टूटती हुई नजर आ रही है, जो इस ग्लेशियर को पिघलकर समुद्र में मिलने से रोकती है। एक नये अध्ययन में बताया गया है कि यह पट्टी टूटते हुए विशाल हिमखंडों को जन्म दे रही है।

‘पाइन आईलैंड’ ग्लेशियर की बर्फ की पट्टी का टूटना 2017 में तेज हो गया था जिससे वैज्ञानिकों को चिंता सताने लगी थी कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर का पिघलना अनुमानित कई सदियों के मुकाबले बहुत जल्दी होगा। तैरती बर्फ की यह पट्टी तेजी से पिघलते ग्लेशियर के लिए बोतल में एक कॉर्क के समान है और ग्लेशियर के बर्फ के बड़े हिस्से को महासागर में बह जाने से रोकती है।

अध्ययन के मुताबिक बर्फ की यह पट्टी 2017 से 2020 के बीच ग्लेशियर से 20 किलोमीटर पीछे तक हट गई है। ढहती हुई पट्टी की तस्वीरें यूरोपीय उपग्रह से ‘टाइम-लैप्स’ वीडियो में ली गईं जो हर छह दिन में तस्वीरें लेता है।

टाइम लैप्स फोटोग्राफी तकनीक से लिए गए वीडियो को सामान्य गति पर चलाने से, समय तेजी से बीतता दिखता है।

अध्ययन के प्रमुख लेखक, ‘यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन’ के ग्लेशियर विशेषज्ञ इयान जॉगिन ने कहा, “आप देख सकते हैं कि चीजें कितनी तेजी से टूट रही है। इसलिए यह बिलकुल ऐसा लगता है जैसे बर्फ का तेजी से टूटना अपने आप में ग्लेशियर को कमजोर कर रहा है….और अब तक हमने मुख्य पट्टी का संभवत: 20 प्रतिशत हिस्सा गंवा दिया है।”

उन्होंने बताया कि 2017 से 2020 के बीच बर्फ टूटने की तीन बड़ी घटनाएं हुईं जिसमें आठ किलोमीटर लंबे और 36 किलोमीटर तक चौड़े हिमखंड उत्पन्न हो गए थे जो बाद में बहुत से छोटे-छोटे हिस्सों में बंट गए। बर्फ टूटने की छोटी-छोटी घटनाएं भी हुईं।

यह अध्ययन ‘साइंस एडवांसेस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

एपी

 

 

नेहा शोभना

शोभना