काठमांडू, 12 अगस्त (भाषा) एक निजी शोध संस्थान की रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब गुणवत्ता वाला आहार सभी प्रकार के कुपोषण के लिए प्रमुखता से जिम्मेदार है तथा विश्वभर में विभिन्न बीमारियों का मुख्य कारण है। हालांकि आहार में सुधार करके हर वर्ष पांच में से एक व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, विश्व भर में दो अरब लोग सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से प्रभावित हैं, 40 प्रतिशत पुरुष और महिलाएं (2.2 अरब) अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, पांच वर्ष से कम आयु के 14.8 करोड़ बच्चे बौनेपन के शिकार हैं, तथा पांच वर्ष से कम आयु के 4.8 करोड़ बच्चे कम वजन के हैं।
नेपाल स्थित इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएफपीआरआई) ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट जारी की जिसका शीर्षक है, ‘‘2024 वैश्विक खाद्य नीति रिपोर्ट: स्वस्थ आहार और पोषण के लिए खाद्य प्रणालियां’’।
इस वर्ष की रिपोर्ट स्वस्थ आहार और पोषण के लिए खाद्य प्रणालियों पर केंद्रित है और निम्न और मध्यम आय वाले देशों में कुपोषण और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने की दिशा में प्रगति में धीमेपन को उजागर करती है। रिपोर्ट कहती है कि अधिक वजन और मोटापे की दर में तेजी से वृद्धि देखी गई है।
संस्थान के महानिदेशक जोहन स्विनेन ने कहा, ‘‘हमें चार प्रवेश बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है: उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और सभी के लिए स्थायी स्वस्थ आहार प्राप्त करने की वांछनीयता।’’
आईएफपीआरआई की खाद्य एवं पोषण नीति की वरिष्ठ निदेशक पूर्णिमा मेनन ने कहा कि आहार में सुधार करके हर साल पांच में से एक जीवन बचाया जा सकता है, क्योंकि खराब गुणवत्ता वाला आहार सभी प्रकार के कुपोषण का मुख्य कारण है और दुनिया भर में बीमारियों की भी प्रमुख वजह है।
भाषा वैभव नरेश
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