इमरान का काफिला पंजाब पहुंचा, न्यायालय ने पाकिस्तान सरकार से रैली को अनुमति देने को कहा |

इमरान का काफिला पंजाब पहुंचा, न्यायालय ने पाकिस्तान सरकार से रैली को अनुमति देने को कहा

इमरान का काफिला पंजाब पहुंचा, न्यायालय ने पाकिस्तान सरकार से रैली को अनुमति देने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : May 25, 2022/10:48 pm IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 25 मई (भाषा) सैकड़ों समर्थकों के साथ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का काफिला सरकार द्वारा उन्हें रोकने के लिए लगाए गए अवरोधकों को हटाते हुए बुधवार को आगे बढ़ा। वहीं उच्चतम न्यायालय ने अधिकारियों को इस्लामाबाद में प्रदर्शन रैली की अनुमति देने का निर्देश दिया और गिरफ्तारी से खान को संरक्षण प्रदान किया।

न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति सैय्यद मजहर अली अकबर नकवी की पीठ ने खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की रैली के लिए राजधानी के जी-9 और एच-9 सेक्टर के बीच की जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब शाहीन की याचिका पर अदालत ने यह निर्देश जारी किया।

अदालत ने अधिकारियों को ‘‘अनावश्यक बल प्रयोग’’ नहीं करने और पीटीआई के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और उनके घरों और कार्यालयों पर छापेमारी नहीं करने का भी निर्देश दिया।

इस बीच, खान ने शाम को कहा कि उनका काफिला पंजाब में प्रवेश कर चुका है और इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने सरकार को हटाने और तत्काल चुनाव की मांग के लिए एक बड़े कारवां के साथ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से अपना मार्च शुरू किया।

ट्रक पर सवार होकर मार्च का नेतृत्व कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री खान (69) ने ट्वीट किया, ‘‘इस आयातित सरकार द्वारा कोई भी प्रायोजित उत्पीड़न और फासीवाद हमारे मार्च को रोक नहीं सकता है।’’

खान अपने समर्थकों के साथ शाम करीब छह बजे पंजाब में दाखिल हुए। इससे पहले काफिले को रोकने के लिए अटक पुल पर सरकार द्वारा लगाए गए अवरोधकों को खान के समर्थकों ने हटा दिया।

खान ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया कि प्रदर्शन मार्च को लेकर सरकार के साथ उनका समझौता हो गया है। खान ने कहा कि वह इस्लामाबाद में प्रदर्शन मार्च और धरने के अपने कार्यक्रम पर आगे बढ़ेंगे जब तक कि पाकिस्तानी प्राधिकार नये सिरे से चुनाव की घोषणा नहीं कर देता।

खान ने ट्वीट किया, ‘‘अफवाहें फैलाई गईं और जानबूझकर दुष्प्रचार किया गया कि एक समझौता हुआ है। बिल्कुल नहीं। हम इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं और किसी समझौते का कोई सवाल ही नहीं है। एसेंबली भंग करने और चुनाव की तारीखों की घोषणा होने तक हम इस्लामाबाद में रहेंगे। मार्च में इस्लामाबाद और रावलपिंडी के सभी लोगों से शामिल होने का आह्वान करता हूं।’’

इससे पहले ‘दुनिया’ न्यूज चैनल ने एक खबर में बताया था कि सेना के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान सरकार ने खान की पार्टी के ‘आजादी मार्च’ को इस्लामाबाद में आयोजित करने की अनुमति दे दी है।

सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने भी खान की पार्टी के साथ किसी भी समझौते के बारे में खबर को खारिज कर दिया।

मरियम नवाज ने ट्वीट किया, ‘‘सही तथ्य ये है- मार्च को विफल होते देख वे दो दिनों से बच निकलने की तलाश में थे। आज, जब लॉन्ग मार्च बुरी तरह से विफल हो गया, तो उन्होंने धरना देने के बजाय एक रैली का प्रस्ताव रखा।’’ मरियम ने आगे कहा, ‘‘सरकार ने इमरान खान के किसी भी प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है।’’

देश के 75 साल के इतिहास में आधे समय से ज्यादा तक सेना सत्ता में रही है और सुरक्षा तथा विदेश नीति के मामलों में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए गए खान ने स्पष्ट तौर पर सेना का समर्थन खो दिया था क्योंकि उन्होंने पिछले साल खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख की नियुक्ति का समर्थन करने से इनकार कर दिया था।

खैबर-पख्तूनख्वा में एम-2 मोटरवे पर स्वाबी चौराहे पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि ‘‘चोर और अमेरिका के नौकर इस्लामाबाद में शासन कर रहे हैं।’’ उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि मार्च इस्लामाबाद के डी-चौक पर रैली आयोजित करने की योजना के अनुसार आगे बढ़ेगा।

जिस जगह रैली आयोजित की जाएगी वहां पास में कई महत्वपूर्ण सरकारी भवन स्थित हैं। इनमें राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय शामिल हैं।

स्वाबी पहुंचने के बाद खान ने कहा, ‘‘हम इस्लामाबाद में तब तक रहेंगे जब तक सरकार एसेंबली को भंग करने और चुनाव की तारीखों की घोषणा करने का फैसला नहीं कर लेती।’’

अधिकारियों ने दर्जनों कंटेनर और ट्रकों को खड़ा करके इस्लामाबाद की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और विरोध मार्च को नाकाम करने के प्रयास में खान के कई समर्थकों को गिरफ्तार किया।

‘ डॉन’ अखबार के मुताबिक, रात करीब आठ बजे फवाद चौधरी और शिरीन मजारी समेत पीटीआई के कुछ प्रमुख नेताओं ने समर्थकों से डी-चौक जाने का आग्रह किया और कहा कि रास्ते में सभी कंटेनर और अवरोधक हटा दिए गए हैं।

एक दिन पहले सरकार ने खान की रैली पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार ने शुरू में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी थी, लेकिन हिंसा और अराजकता की आशंका के मद्देनजर मंगलवार को इसकी मंजूरी देने से इनकार कर दिया।

इससे पहले सुबह में विभिन्न शहरों में कार्रवाई शुरू की गई और पुलिस ने ‘‘आजादी मार्च’’ में शामिल होने से रोकने के लिए पीटीआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और उसके कुछ नेताओं को गिरफ्तार किया। सरकार ने लाहौर, रावलपिंडी, इस्लामाबाद और कराची समेत अन्य प्रमुख शहरों में बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए धारा 144 लागू कर दी थी।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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