भारत, बोत्सवाना के संबंधों में विभिन्न क्षेत्रों में प्रगाढ़ता की काफी संभावना है : राष्ट्रपति मुर्मू

भारत, बोत्सवाना के संबंधों में विभिन्न क्षेत्रों में प्रगाढ़ता की काफी संभावना है : राष्ट्रपति मुर्मू

भारत, बोत्सवाना के संबंधों में विभिन्न क्षेत्रों में प्रगाढ़ता की काफी संभावना है : राष्ट्रपति मुर्मू
Modified Date: November 12, 2025 / 11:09 pm IST
Published Date: November 12, 2025 11:09 pm IST

(नीलाभ श्रीवास्तव)

गबोरोन (बोत्सवाना), 12 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में बोत्सवाना के साथ अपनी साझेदारी को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल नवाचार, फार्मास्यूटिकल्स और खनन क्षेत्र में सहयोग के अवसरों पर प्रकाश डाला।

दुनिया के सबसे बड़े हीरा उत्पादक देशों में से एक बोत्सवाना की ‘नेशनल अंसेबली’ के सांसदों को संबोधित करते हुए, मुर्मू ने भारत के अपने विकासात्मक अनुभव साझा करने और ऐसी साझेदारी बनाने की इच्छा पर जोर दिया, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी हो।

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‘नेशनल अंसेबली’ में 61 निर्वाचित सदस्यों के अलावा विशेष रूप से निर्वाचित छह सांसद हैं।

मुर्मू ने कहा, ‘‘भारत विभिन्न क्षेत्रों में बोत्सवाना के साथ अपनी साझेदारी को और गहरा करने तथा अपने विकास अनुभव को बोत्सवाना के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आइए हम एक ऐसी साझेदारी बनाने के लिए मिलकर काम करें जो हमारे दोनों देशों को समृद्ध बनाए और विश्व की भलाई में योगदान दे।’’

भारतीय प्रतिष्ठानों के बोत्सवाना के हीरा, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में पहले से ही ‘‘सक्रिय’’होने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल नवाचार, फार्मास्यूटिकल्स और खनन क्षेत्र में सहयोग की ‘‘संभावना’’ है।

उन्होंने दोनों देशों के व्यापारिक समुदायों को सहयोग करने और अपनी आर्थिक साझेदारी की ‘‘पूरी क्षमता का दोहन’’ करने का आह्वान किया।

मुर्मू मंगलवार को तीन-दिवसीय राजकीय यात्रा पर बोत्सवाना पहुंचीं। दक्षिणी अफ्रीका स्थित इस देश की किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह पहली यात्रा है।

मुर्मू ने दोनों देशों की ‘युवा शक्ति’ के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि युवा ही भविष्य हैं और वे ही उन रास्तों को तय करेंगे जिन पर ‘‘हमारे देश अंततः चलेंगे।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज के युवाओं को केवल शिक्षा एवं कौशल की ही आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें अपने पेशेवर जीवन को बेहतर बनाने और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में अपनी रचनात्मक ऊर्जा को लगाने के अवसरों की भी आवश्यकता है। ऐसा करने के लिए, हमें मजबूत और टिकाऊ आर्थिक विकास सुनिश्चित करना होगा जो पर्यावरण की दृष्टि से भी टिकाऊ हो।’’

मुर्मू ने कहा कि बोत्सवाना ‘‘लोकतंत्र, सुशासन और प्रभावी नेतृत्व’’ का एक शानदार उदाहरण है।

भाषा

शफीक प्रशांत

प्रशांत


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