बदले चीन के तेवर, राजदूत सन विडोंग बोले- सीमाएं संबंधी प्रश्न संवेदनशील, विरोधी नहीं, दोनों देश बनें पार्टनर

बदले चीन के तेवर, राजदूत सन विडोंग बोले- सीमाएं संबंधी प्रश्न संवेदनशील, विरोधी नहीं, दोनों देश बनें पार्टनर

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  • Publish Date - July 10, 2020 / 04:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

बीजींग: लद्दाख में सीमा को लेकर भारत-चीन के बीच उपजा विवाद अब धीरे-धीरे शांत होता नजर आ रहा है। बीते दिनों दोनों देशों के प्रति​निधियों की बैठक के बाद चीन ने अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया था। इस बीच भारत में चीन के राजदूत ने कहा है कि बातचीत के जरिए ही दोनों देशों को सीमा विवाद का हल निकालना चाहिए। चीनी दूतावास के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए लगभग 18 मिनट के वीडियो में चीनी राजदूत सन विडोंग ने यह टिप्पणी की।

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चीनी राजदूत ने कहा कि भारत और चीन को प्रतिद्वंद्वियों के बजाए भागीदार होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि चीन और भारत के बीच दो हजार साल से ज्यादा समय से मित्रतापूर्ण संबंध हैं। मैंने देखा है कि हाल के दिनों में दोनों देशों में सीमा मुद्दे को लेकर तनाव पैदा हुआ। सन विडोंग ने बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों देशों की सीमाएं संबंधी प्रश्न संवेदनशील और जटिल है। हमें समान परामर्श और शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से उचित समाधान खोजने की आवश्यकता है।

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राजदूत ने कहा कि भारत और चीन को परस्पर सम्मान के माध्यम से विश्वास पैदा करने और एक दूसरे के साथ समान व्यवहार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को ‘आपसी मूल हितों’ और प्रमुख चिंताओं को समायोजित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, पांच जुलाई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर टेलीफोन पर बात की थी। इस दौरान दोनों पक्ष सीमा पर शांति के लिए सहमत हुए। इसके अलावा शीर्ष सैन्य अधिकारी भी जमीनी तनाव को कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

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राजदूत का यह बयान पांच प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित था। इसमें कहा गया कि भारत और चीन को प्रतिद्वंद्वियों के बजाय, भागीदार होना चाहिए। दोनों देशों को टकराव के बजाय, शांति की आवश्यकता है। दोनों देश आमने-सामने आने के बजाय, शांति चाहते हैं। इसके अलावा संदेह लाने के बजाय, विश्वास बनाने की जरूरत है। सन विडोंग ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प का भी जिक्र किया। विडोंग ने कहा कि इस घटना से गलवान घाटी में कई हताहत हुए। उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसी घटना थी, जिसे न तो भारत देखना चाहता है और न ही चीन देखना चाहता है।’

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