वाशिंगटन, पांच अक्टूबर (भाषा) अमेरिका के एक पूर्व राजनयिक ने मंगलवार को कहा कि उनके देश की तुलना में भारत आतंकवाद के खतरे से ज्यादा प्रभावित रहा है। साथ ही कहा कि ना केवल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बल्कि भू-रणनीतिक एवं अन्य सुरक्षा संबंधी मामलों में भी भारत सदैव अमेरिका का अहम साझेदार रहा है और रहेगा।
संयुक्त राज्य शांति संस्थान (यूएसआईपी) के उपाध्यक्ष जॉर्ज मूस ने वाशिंगटन में ”9/11 के बाद बीस साल: अमेरिकी शांति निर्माण नीति का विकास” विषय पर ऑनलाइन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत, अमेरिका का प्रमुख साझेदार है और हमेशा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद से निपटने के भारत के तौर-तरीकों का सम्मान करता है।
कीर पीस फाउंडेशन के साथ ऑनलाइन बैठक के दौरान मूस से जब पूछा गया कि क्या अमेरिका की तरह आतंकवाद से पीड़ित रहा भारत भी इस समस्या से निपटने में अहम भूमिका अदा कर सकता है तो मूस ने ”हां” में जवाब दिया।
मूस ने कहा, ”वास्तव में। हम जानते हैं कि जब हमलों और आतंकवाद की आक्रामकता की बात आती है तो भारत को अमेरिका से कहीं अधिक नुकसान हुआ है। हम भारत द्वारा उसके लोकतांत्रिक मूल्यों और नियमों के संदर्भ में आतंकवाद से निपटने के तौर-तरीकों का सम्मान करते हैं।”
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप
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