स्वाभाविक सहयोगी हैं भारत और इजराइल : हरजोग |

स्वाभाविक सहयोगी हैं भारत और इजराइल : हरजोग

स्वाभाविक सहयोगी हैं भारत और इजराइल : हरजोग

:   Modified Date:  December 2, 2022 / 05:54 PM IST, Published Date : December 2, 2022/5:54 pm IST

(हरिन्दर मिश्रा)

यरुशलम, दो दिसंबर (भाषा) इजराइल के राष्ट्रपति आइजैक हरजोग ने कहा है कि भारत और इजराइल स्वाभाविक सहयोगी हैं जो उन लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्धता से बंधे हैं जिन पर उनकी स्थापना हुई थी।

हरजोग ने यह टिप्पणी यहां एक प्रदर्शनी में की जिसमें भारतीय देवताओं की मूर्तियां प्रदर्शित की गई थीं। हरजोग ने बृहस्पतिवार शाम इज़राइल संग्रहालय में ‘बॉडी ऑफ फेथ: स्कल्पचर फ्रॉम द नेशनल म्यूजियम ऑफ इंडिया’ नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

उन्होंने प्रदर्शनी को दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती का प्रतिफल बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और इजराइल स्वाभाविक सहयोगी हैं, जो लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति एक मौलिक प्रतिबद्धता से एकजुट हैं, जिस पर हमारे दोनों देशों की स्थापना हुई थी।’’

हरजोग ने कहा, ‘‘यह शाम भारतीय लोगों के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देते हुए हमारी साझा मानवता पर प्रकाश डालती है।’’

इजराइल के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह प्रदर्शनी भारत और इजराइल के बीच बढ़ती मित्रता और उस कला एवं संस्कृति का प्रतिबिंब है जो दोनों देश साझा करते हैं।’’

इजराइल संग्रहालय के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि प्रदर्शनी में चौथी और तेरहवीं शताब्दी के बीच निर्मित 14 भारतीय प्रतिमाएं प्रदर्शित हैं, जिनमें से कुछ नयी दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय से उधार ली गई हैं और कुछ इजराइल संग्रहालय की हैं।

छह महीने तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में अकादमिक वार्ता और भारत के चयनित कलाकारों द्वारा विशेष व्याख्यान भी होंगे।

इज़राइल संग्रहालय और राष्ट्रीय संग्रहालय के बीच पहले अद्वितीय सहयोग को उल्लेखित करते हुए हरजोग ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस प्रदर्शनी के लिए ऐसी ऐतिहासिक कलाकृतियां इज़राइल लायी गई हैं जो भारत से पहले कभी बाहर नहीं गईं।

इजराइल के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह कितने सम्मान और खुशी की बात है। मुझे प्रदर्शनी देखने का सौभाग्य मिला और यह अविश्वसनीय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस सहयोग से लोगों को उत्कृष्ट मूर्तियों के अवलोकन के साथ ही हिंदू संस्कृति के बारे में बेहतर जानकारी मिल सकेगी। ये उत्कृष्ट कृतियां भारतीय इतिहास में तीन अलग-अलग अवधि की हैं।’’

हरजोग ने उद्घाटन समारोह को ‘‘संस्कृति, इतिहास और मित्रता की अद्भुत शाम’’ बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अबू धाबी में अगले सोमवार को होने वाले एक अंतरिक्ष सम्मेलन में अपनी भागीदारी का उल्लेख किया।

इस मौके पर इजराइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला भी मौजूद थे।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह प्रदर्शनी हमें इजराइल में अपने क्षितिज से आगे देखने का अवसर देती है। यह हमें प्राचीन काल से लेकर आधुनिक दौर तक मानव इतिहास की गहरी समझ और जानकारी प्रदान करती है।’

इजराइल संग्रहालय के खचाखच भरे सभागार में राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह इजराइली लोगों के लिए एक महान उपहार है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यहां प्रदर्शित महत्वपूर्ण कलाकृतियों को देखने वाले लोगों का जीवन समृद्ध होगा।’’

भारत और इजराइल पूर्ण राजनयिक संबंधों के स्थापित होने की 30वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस मौके पर सिंगला ने कहा कि लोगों से लोगों के बीच सहस्राब्दी पुराने संपर्क और जुड़ाव सभ्यतागत संबंधों के आधार हैं।

प्रदर्शनी का जिक्र करते हुए सिंगला ने कहा कि “इतिहास के शास्त्रीय और प्रारंभिक मध्ययुगीन काल के भारतीय मंदिर मूर्तियों से अलंकृत थे… यह प्रदर्शनी भारतीय आस्था और संस्कृति की परंपराओं के साथ ही भारत की समृद्ध मूर्तिकला विरासत की एक झलक प्रदान करने का एक प्रयास है।’

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में तीन इजराइली नर्तकों वाले त्रिकुदिम नृत्य समूह ने अपनी आकर्षक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीनों नर्तक भारतीय नृत्य शैलियों- कथक, कुचिपुड़ी और ओडिसी में प्रशिक्षित थे।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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