(योशिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 30 जुलाई (भाषा) एक लोकतंत्र के रूप में भारत संस्था निर्माण की प्राथमिकता की आवश्यकता को लेकर सचेत है और खासतौर से संस्थागत क्षमता और कानून के शासन को मजबूत करने वाली शासन अवसंरचनाओं को लेकर जागरूक है। यह बात संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में एक शीर्ष राजनयिक ने कही।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत हमेशा से शांति रक्षा के प्रति अपनी अडिग प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है।
माथुर ने कहा, ‘‘हम इस बात पर राजी हैं कि अगर शांति रक्षा को मजबूत समर्थन दिया जाता है तो राष्ट्र निर्माण की गतिविधियां और अधिक मजबूत होंगी।’’
शांति रक्षा और शांति बनाए रखने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की चर्चा में माथुर ने कहा कि एक लोकतंत्र के तौर पर हम संस्था निर्माण की प्राथमिकता की आवश्यकता को लेकर सचेत हैं, खासतौर से संस्थागत क्षमता और कानून के शासन को मजबूत करने वाली शासन अवसंरचनाएं के प्रति। इसके परिणामस्वरूप ऐसे निर्माण खंडों की आवश्यकता है जिस पर शांति टिकी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत ने विकासशील देशों खासतौर से अफ्रीका और एशिया के साथ व्यापक विकास भागीदारी के जरिए शांति रक्षा के संदर्भ में हमेशा रचनात्मक भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए अफगानिस्तान में भारत शांति निर्माण के प्रयासों में भी योगदान दे रहा है।’’
भाषा गोला नीरज
नीरज
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