भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने यूरोपीय संसद के समक्ष यूएपीए को रद्द करने की आवश्यकता पर बात की |

भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने यूरोपीय संसद के समक्ष यूएपीए को रद्द करने की आवश्यकता पर बात की

भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने यूरोपीय संसद के समक्ष यूएपीए को रद्द करने की आवश्यकता पर बात की

:   Modified Date:  December 1, 2022 / 12:36 AM IST, Published Date : December 1, 2022/12:36 am IST

लंदन, 30 नवंबर (भाषा) सुरक्षा संबंधी मामलों पर यूरोपीय संसद की उपसमिति के अगले साल प्रस्तावित भारत दौरे से पहले भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने यूरोपीय संघ (ईयू) के नीति निर्माताओं के समक्ष ‘‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) को निरस्त करने की मांग अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा उठाए जाने की आवश्यकता’’ पर बात की।

‘स्टिचिंग द लंदन स्टोरी’ थिंक टैंक के अनुसार, इस डिजिटल कार्यक्रम में यूरोपीय संसद के नीति सलाहकारों ने भाग लिया, जिनमें भारत के मामलों को लेकर संसद के स्थायी दूत, जर्मन संसद में सलाहकार, यूरोपीय आयोग में मानवाधिकार विशेषज्ञ भी शामिल रहे। इस कार्यक्रम में मानवाधिकार से जुड़े गैर सरकारी संगठनों और दुनिया भर के शोधकर्ताओं ने भी भाग लिया।

‘एमनेस्टी इंडिया’ के पूर्व प्रमुख अविनाश कुमार ने कहा, ‘‘भारतीय शासन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को लोकतंत्र के पैरोकार के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है और अन्य देशों को बता रहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है, लेकिन वह अपने ही नागरिकों के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा है।’’

भाषा सिम्मी वैभव

वैभव

 

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