सिंगापुर में इस्लामिक धार्मिक परिषद ने मुस्लमानों को भ्रामक शिक्षाओं के खिलाफ किया आगाह |

सिंगापुर में इस्लामिक धार्मिक परिषद ने मुस्लमानों को भ्रामक शिक्षाओं के खिलाफ किया आगाह

सिंगापुर में इस्लामिक धार्मिक परिषद ने मुस्लमानों को भ्रामक शिक्षाओं के खिलाफ किया आगाह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : December 9, 2021/11:12 am IST

Islamic Religious Council in Singapore

सिंगापुर, नौ दिसंबर (भाषा) सिंगापुर की इस्लामिक धार्मिक परिषद ने देश के मुस्लिम समुदाय को आगाह किया है कि वे ऐसे लोगों या समूहों से सतर्क रहें, जो भ्रामक बातें फैलाते हैं। साथ ही उन्हें गुप्त रूप से आयोजित किसी भी धार्मिक कार्यक्रम से सावधान रहने को भी कहा है।

‘द स्ट्रेट टाइम्स’ ने बुधवार को एक खबर में बताया कि भ्रामक शिक्षाएं देने का मामला पिछले साल सुर्खियों में आया था, जब इसमें लिप्त एक व्यक्ति ने स्वयंभू पैगंबर होने का दावा किया और जरूरतमंद मुसलमानों की मदद करने के लिए जुआ खेलने की अनुमति दी और 13 आध्यात्मिक पत्नियां रखने की इच्छा व्यक्त की थी।

खबर में बताया गया कि परिषद की फतवा समिति ने बुधवार को सिंगापुर के मुस्लमानों को आगाह किया कि किसी समूह या नेता की ऐसी किसी भी धार्मिक गतिविधि से सावधान रहें, जो गुप्त रूप से आयोजित की जाती है।

यह समिति वरिष्ठ इस्लामी विद्वानों का एक समूह है, जो धार्मिक मामले से जुड़े निर्णय लेता है। परिषद को मजलिस उगामा इस्लाम सिंगापुर (एमयूआईएस) भी कहा जाता है।

समिति ने केवल योग्य एवं पंजीकृत धार्मिक शिक्षकों के माध्यम से धार्मिक ज्ञान प्राप्त करने के महत्व पर बल दिया। उसने यहां के मुसलमानों से केवल एक स्रोत को सुनने के बजाय विभिन्न प्रकार के विद्वानों से सीखने का आग्रह किया और किसी भी समस्या से जुड़े मुद्दे का सामना करने पर, उन्हें अन्य धार्मिक नेताओं से परामर्श करने को कहा।

समिति ने कहा कि समुदाय के लोगों को रात में होने वाली कक्षाओं और गतिविधियों से सावधान रहना चाहिए, जिसमें सभी लोगों को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होती। ऐसे सत्र आयोजित करने वाले लोग अपने अनुयायियों को जो भी पढ़ाते हैं, उसे रिकॉर्ड करने की अनुमति भी नहीं देते।

खबर में एमयूआईएस के हवाले से कहा, ‘‘ फतवा समिति, समुदाय से उन लोगों या समूहों से सावधान रहने का आग्रह करना चाहती है जो भ्रामक शिक्षाएं फैलाते हैं। मुसलमानों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे असतिज़ा मान्यता योजना (एआरएस) के तहत पंजीकृत योग्य शिक्षकों से धार्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करें।

समिति ने कहा कि इस्लाम में, छुपकर कोई भी शिक्षा दी जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी सूचनाओं को पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है और जनता को बता दिया गया है।

फतवा समिति को लगातार भ्रामक शिक्षाओं के बारे में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। एमयूआईएस ने कहा कि हर शिकायत पर गौर किया जाएगा।

भाषा निहारिका गोला

गोला

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)