(हरिंदर मिश्रा)
यरुशलम, 26 नवंबर (भाषा) इजराइल ने भारत और मुंबई के लोगों के साहस की सराहना करते हुए कहा है कि नवंबर 2008 में उस ‘‘खौफनाक दिन’’ भारी नुकसान के बाद दोनों देशों के संबंध बेहद मजबूत हुए हैं।
यह टिप्पणी 26/11 के मुंबई हमले के संदर्भ में की गई, जो इजराइल के कई लोगों के लिए भावनात्मक पल बना हुआ है, जिनका मानना है कि 26/11 का आतंकी हमला ‘‘एक साझा दर्द है।’’
इजराइल के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक एलोन उशपिज ने कहा, ‘‘मुझे भारत और मुंबई के लोगों का साहस स्पष्ट रूप से याद है और ऐसा एक मिनट भी नहीं है जिसमें हमें उस खौफनाक दिन भारत और इजराइल के बीच बनी रणनीतिक साझेदारी से लाभ नहीं होता है।’’
भारत में इजराइल के राजदूत रह चुके उशपिज ने लिखा, ‘‘शनिवार को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के 14 साल हो गए हैं, जिसमें चबाड हाउस सहित पांच जगहों को निशाना बनाया गया था जिसमें रब्बी गेवरियल और रिवका होल्ट्सबर्ग, रब्बी गेवरियल टेटेलबाउम, नोर्मा राबिनोविच, रब्बी बेन सियोन कुरमान और योचेवेद ओर्पाज की हत्या कर दी गई थी।’’
इजराइल के शीर्ष राजनयिक ने उस दिन निर्दोष नागरिकों के इस भारी नुकसान के लिए इजराइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला से अपनी ‘‘गहरी संवेदना’’ व्यक्त की। हमले में इजराइल के छह लोगों की भी मौत हो गई थी।
हमले के पीड़ितों की याद में शुक्रवार और शनिवार को कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। मुंबई आतंकी हमले में इजराइल के छह लोगों और अन्य विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मुंबई में 26 नवंबर को आतंकवादियों ने हमले शुरू किए और 29 नवंबर तक निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाते रहे।
भारतीय सुरक्षा बलों ने नौ पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया। अजमल कसाब एकमात्र आतंकवादी था जो पकड़ा गया था। चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दे दी गई।
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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