(तस्वीर सहित)
कोलंबो, 20 जून (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे सहित देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत की तथा राष्ट्रपति के साथ भारत से 60 लाख अमरीकी डॉलर के अनुदान से निर्मित समुद्री बचाव समन्वय केंद्र का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
जयशंकर ने प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने से भी मुलाकात की और विकास एवं संपर्क पहल के माध्यम से भारत के मजबूत समर्थन को दोहराया।
जयशंकर सुबह श्रीलंका पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रपति भवन में विक्रमसिंघे से मुलाकात की। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं और बिजली, ऊर्जा, संपर्क, बंदरगाह बुनियादी ढांचे, विमानन, डिजिटल, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,‘‘ श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं। विभिन्न द्विपक्षीय परियोजनाओं और पहलों पर हुई प्रगति की सराहना की।’’
जयशंकर ने पोस्ट में कहा,‘‘ राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के मार्गदर्शन में भारत-श्रीलंका के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई, विशेष रूप से बिजली, ऊर्जा, सम्पर्क, बंदरगाह बुनियादी ढांचे, विमानन, डिजिटल, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्रों में। हमारे पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों के निरंतर विकास के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध।’’
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे और जयशंकर ने श्रीलंका में समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) की पट्टिका का डिजिटल माध्यम से अनावरण किया और औपचारिक तौर पर केन्द्र की शुरुआत की।
इसमें कोलंबो स्थित नौसेना मुख्यालय में एक केंद्र, हंबनटोटा में एक उप-केंद्र तथा गैले, अरुगम्बे, बट्टिकलोवा, त्रिंकोमाली, कल्लारावा, प्वाइंट पेड्रो और मोलिकुलम में मानवरहित प्रतिष्ठान शामिल हैं।
पट्टिका के अनावरण के बाद जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समुद्री बचाव समन्वय केन्द्र की डिजिटल शुरुआत की साथ ही जीओआई आवासीय योजना के तहत 154 से अधिक मकान सौंपे।’’
राष्ट्रपति के मीडिया विभाग (पीएमडी) ने भी ‘एक्स’ पर कहा, “ राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने भारतीय आवास परियोजना के तहत कैंडी, नुवरा एलिया और मटाले में संयुक्त रूप से 106 घरों की पट्टिका का डिजिटल माध्यम से अनावरण किया और कोलंबो तथा त्रिंकोमाली के प्रत्येक मॉडल गांव में 24 घरों को ऑनलाइन माध्यम से सौंपा गया।”
बाद में, जयशंकर ने प्रधानमंत्री गुणवर्धने से मुलाकात की और विकास एवं संपर्क पहल के माध्यम से भारत के मजबूत समर्थन को दोहराया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘ विश्वास है कि हमारी विकास सहायता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करते रहेंगे।”
एक विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की हाल के चुनाव में जीत पर जयशंकर को बधाई दी तथा घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की श्रीलंका की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
उन्होंने कोविड-19 महामारी और आर्थिक संकट के बाद हाल के कठिन समय में दी गई सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया।
जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका जैसे पड़ोसी भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और भारत में श्रीलंका के लिए जबरदस्त सद्भावना है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार पड़ोसी प्रथम नीति को दोहराता है और उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य श्रीलंका के प्रति भारत की सतत प्रतिबद्धता को रेखांकित करना है, क्योंकि वह भारत का सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी और समय की कसौटी पर खरा उतरा मित्र है।
उन्होंने भारतीय निवेश, विकास परियोजनाओं, संपर्क परियोजनाओं और विभिन्न क्षेत्रों में अन्य पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग पर चर्चा की।
जयशंकर ने बाद में विदेश मंत्री एम. यू. एम. अली साबरी से मुलाकात की और विशेष रूप से बिम्सटेक, आईओआरए (हिंद महासागर रिम एसोसिएशन) और संयुक्त राष्ट्र में अधिक बहुपक्षीय सहयोग को लेकर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने पोस्ट में कहा, “ हमने क्षमता निर्माण और साझा सहभागिता की आगे की संभावनाओं पर चर्चा की।”
साबरी ने कहा कि उन्हें जयशंकर का उनके नए कार्यकाल में पहली विदेश यात्रा के दौरान यहां विदेश मंत्रालय में स्वागत करते हुए प्रसन्न हुई।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैंने उनकी पुनर्नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी। हमने अपने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और उन्हें और बढ़ाने पर सहमति जताई। क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय मंचों पर मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।’
जयशंकर के प्रधानमंत्री मोदी की श्रीलंका यात्रा की प्रारंभिक तैयारियों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है।
उन्होंने विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के लिए द्विदलीय समर्थन की सराहना की।
सुबह कोलंबो पहुंचने पर विदेश राज्य मंत्री थारका बालासुरिया और पूर्वी प्रांत के गवर्नर सेंथिल थोंडमन ने जयशंकर का स्वागत किया।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,‘‘ नए कार्यकाल की पहली यात्रा पर कोलंबो पहुंचा। विदेश राज्य मंत्री थारका बालासुरिया और पूर्वी प्रांत के गवर्नर सेंथिल थोंडमन का गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार।’’
उन्होंने लिखा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘सागर’ नीतियों के केन्द्र में है।
सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग के लिए भारत का दृष्टिकोण और भू-राजनीतिक ढांचा है।
दूसरे कार्यकाल के लिए 11 जून को विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद जयशंकर की श्रीलंका की यह यात्रा पहली द्विपक्षीय यात्रा है।
जयशंकर पिछले सप्ताह इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के उन सात शीर्ष नेताओं में शामिल थे जिन्होंने नौ जून को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था।
भाषा नोमान माधव
माधव