एससीओ में ईरान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान से अपने समकक्षों से मिले जयशंकर |

एससीओ में ईरान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान से अपने समकक्षों से मिले जयशंकर

एससीओ में ईरान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान से अपने समकक्षों से मिले जयशंकर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : September 17, 2021/8:57 am IST

दुशान्बे, 17 सितंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान, आर्मेनिया और उज्बेकिस्तान के अपने समकक्षों से शुक्रवार को मुलाकात की और अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रमों, क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना करने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

जयशंकर, पिछले महीने तालिबान के अफगानिस्तान को नियंत्रण में लेने के बाद वहां के हालात पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक अहम बैठक में हिस्सा लेने के लिए ताजिकिस्तान की राजधानी में हैं। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि दुशान्बे में एससीओ की बैठक से इतर ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान से ‘‘मिलकर खुशी हुई’’।

उन्होंने कहा, ‘‘द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय चुनौतियों पर मिलकर काम करने को लेकर चर्चा हुई।’’ आर्मेनिया के विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान के साथ बैठक पर जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग की ‘‘सकारात्मक समीक्षा’’ की और इसे आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अब्दुलअजीज कामिलोव से मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत अफगानिस्तान की स्थिति पर केंद्रित थी। आतंकवाद और कट्टरता का मुकाबला करने वाले देशों के रूप में, हमारा घनिष्ठ सहयोग पारस्परिक हित में है।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं, जिसमें अफगानिस्तान में घटनाक्रमों के साथ-साथ समग्र क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर व्यापक रूप से विचार विमर्श करने की उम्मीद है। जयशंकर एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के साथ अफगानिस्तान मामले पर एक बैठक में हिस्सा लेंगे।

एससीओ आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा संगठन है और सबसे बड़े अंतरक्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके स्थायी सदस्य बने। भारत ने एससीओ और विशेष रूप से सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दों को देखने वाले इसके क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ अपने सुरक्षा संबंधी सहयोग को प्रगाढ़ करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।

भारत को 2005 में एससीओ में पर्यवेक्षक बनाया गया था और वह आम तौर पर समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लेता रहा है जो मुख्य रूप से यूरेशिया क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित रही हैं।

भाषा सुरभि मानसी

मानसी

 

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