जापान का नया प्रमुख एच3 रॉकेट भू-स्थानिक उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा

जापान का नया प्रमुख एच3 रॉकेट भू-स्थानिक उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा

जापान का नया प्रमुख एच3 रॉकेट भू-स्थानिक उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा
Modified Date: December 22, 2025 / 05:05 pm IST
Published Date: December 22, 2025 5:05 pm IST

तोक्यो, 22 दिसंबर (एपी) जापान की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि नौवहन उपग्रह ले जाने वाला उसका एच3 रॉकेट पेलोड को नियोजित कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा, जो देश के नए प्रमुख रॉकेट और उसके अंतरिक्ष प्रक्षेपण कार्यक्रम के लिए एक झटका है।

नेविगेशनल उपग्रह वह कृत्रिम उपग्रह होते हैं, जो पृथ्वी पर किसी स्थान की सटीक स्थिति, दिशा और समय की जानकारी देने में मदद करते हैं।

सोमवार की विफलता जापान के नए प्रमुख रॉकेट के लिए दूसरी विफलता है, इससे पहले 2023 में इसकी पहली उड़ान असफल रही थी। पहली विफलता के बाद इसने छह सफल उड़ानें भरी थीं।

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‘जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी’ (जेएएक्सए) ने कहा कि मिचिबिकी 5 उपग्रह को ले जाने वाला एच3 रॉकेट सोमवार को दक्षिण-पश्चिमी जापानी द्वीप पर स्थित तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ, जो जापान की अपनी अधिक सटीक स्थान निर्धारण प्रणाली विकसित करने की योजना का हिस्सा है।

जेएएक्सए के कार्यकारी और प्रक्षेपण निदेशक मासाशी ओकाडा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि रॉकेट के दूसरे चरण के इंजन ने अप्रत्याशित रूप से समय से पहले ऊर्जा उत्पादन (इंजन बर्न) बंद कर दिया और परिणामस्वरूप उपग्रह का रॉकेट से अलग होना सुनिश्चित नहीं हो सका।

रॉकेट का ‘इंजन बर्न’ वह प्रक्रिया होती है, जिसमें रॉकेट का इंजन ईंधन को जलाकर (दहन करके) तेज शक्ति पैदा करता है, जिससे रॉकेट को ऊर्जा मिलती है और वह ऊपर की ओर या कक्षा की दिशा में आगे बढ़ता है।

ओकाडा ने कहा कि उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ा गया था या वह कहां जाकर रुका, यह अज्ञात है और जेएएक्सए कारण और अन्य विवरणों का पता लगाने के लिए आंकड़ों की जांच कर रही है।

एपी प्रशांत दिलीप

दिलीप


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