गुवाहाटी, 10 सितंबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य में पहली बार गोवंशीय पशु मिथुन देखा गया है।
मिथुन का वैज्ञानिक नाम ‘बोस फ्रंटालिस’ हैं। वह अरुणाचल प्रदेश एवं नगालैंड का राजकीय पशु है तथा यह मणिपुर एवं मिजोरम की पहाड़ियों में भी पाया जाता है।
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘असम ने अपनी जैव विविधता में एक और जीव को शामिल कर लिया है। हमने दीमा हसाओ के पहाड़ी क्षेत्रों में मिथुन (बोस फ्रंटलिस) को देखा है जो हमारे जीव-जगत की विविधता में एक और खूबसूरत वृद्धि है।’’
शर्मा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में हिमालय की तराई में पाई जाने वाली उन प्रजातियों ने अब असम को अपना नया घर बना लिया है जिनका जिक्र महाभारत में भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अमूल्य वनों की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन के उत्कृष्ट कार्य के लिए असम वन विभाग को बधाई।’’
हाल में पशु चिकित्सा विशेषज्ञों ने मध्य असम के दीमा हसाओ जिले के दूरदराज के तीन इलाकों – लाइसोंग, लैंगटिंग और थाईजुवारी में मिथुन को देखा।
जिला पशुपालन एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इन क्षेत्रों में जेमे नगा लोग निवास करते हैं तथा इन तीन सुदूर क्षेत्रों में 200 से अधिक मिथुन की उपस्थिति दर्ज की गई है।
अधिकारी ने कहा कि पीढ़ियों से गोवंशीय पशुओं का पालन कर रहे किसानों को सहायता की आवश्यकता है, क्योंकि ये पशु खुरपका-मुंहपका तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित होते हैं।
उन्होंने कहा कि असम में मिथुन का मिलना राज्य की कृषि विविधता में एक नया अध्याय जोड़ता है।
मिथुन अपने मांस, दूध, भार वहन क्षमता के लिए बहुमूल्य माने जाते हैं तथा पूर्वोत्तर के कई जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भाषा सिम्मी रंजन
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