15 दिन के भीतर 15 देशो में मिले मंकीपॉक्स के मरीज, 21 दिन रहना होगा क्वारंटाइन, इस देश की सरकार ने जारी किए निर्देश
15 दिन के भीतर 15 देशो में मिले मंकीपॉक्स के मरीज, 21 दिन रहना होगा क्वारंटाइन!Monkeypox patients will have to stay in quarantine for 21 days
नई दिल्ली: Monkeypox Cases in India कोरोना संक्रमण से अभी राहत मिली नहीं कि एक और वायरस ने दुनिया के कई देशों में तबाही मचानी शुरू कर दी है। इस खतरनाक वायरस का नाम मंकीपॉक्स बताया जा रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि 15 दिन के अंदर 15 देशों में मंकीपॉक्स के मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं, हालात को देखते हुए बेल्जियम के बाद ब्रिटेन ने भी मंकीपॉक्स के मरीजों को 21 दिन क्वारंटाइन करने का निर्देश दिया है। साथ ही WHO ने पहले ही ये कह दिया है कि किसी भी देश में इस बीमारी का एक मामला भी आउटब्रेक माना जाएगा।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
Read More: सहायक नेत्र चिकित्सक केपी रघुवंशी के घर लोकायुक्त का छापा, कई अहम दस्तावेज बरामद
भारत में भी अलर्ट
Monkeypox patients quarantine वहीं दूसरी हालात को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर आ गया है और कई राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि सोमवार को मुंबई के बृहन्मुंबई नगर निगम ने कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिया है।
इन देशों में मिले मंकीपॉक्स के मरीज
ब्रिटेन, अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, इजराइल, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं। केवल 2 हफ्तों में ही मामलों की संख्या 100 के पार जा चुकी है। हालांकि, इस बीमारी से अब तक एक भी मौत नहीं हुई है।
Read More: भारी बारिश से ढही दीवार, मलबे में दबने से दो बच्चों समेत तीन की मौत
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जो चेचक की तरह ही है। हालांकि, आमतौर पर यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है। यह एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है, जो वायरस का एक जीनस है जिसमें वेरियोला वायरस भी शामिल है, जिसके चलते चेचक होता है। इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल चेचक के टीके में किया गया था। आम तौर पर मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में होने वाला यह वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था। इंसानों में पहली बार यह मामला 1970 में दर्ज किया गया था।
मंकी पॉक्स के लक्षण
मंकी पॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं। आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं। यह चेहरे और हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को ज्यादा प्रभावित करता है।
Read More: प्रेमिका की हत्या कर शव घर में दफनाया, पड़ोसी महिला की शिकायत पर खुला हत्या का राज

Facebook



