मून ने संरा में एक बार फिर उ.कोरिया के साथ शांति एवं सुलह पर दिया जोर |

मून ने संरा में एक बार फिर उ.कोरिया के साथ शांति एवं सुलह पर दिया जोर

मून ने संरा में एक बार फिर उ.कोरिया के साथ शांति एवं सुलह पर दिया जोर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : September 22, 2021/10:32 am IST

संयुक्त राष्ट्र, 22 सितंबर (एपी) दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने मिसाइलों के परीक्षण का जिक्र किए बिना संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर उत्तर कोरिया के साथ शांति और सुलह पर जोर दिया।

कोरियाई प्रायद्वीप में दोनों देशों के मिसाइल परीक्षण के बाद दोनों प्रतिद्वंद्वियों के बीच तनाव फिर बढ़ गया है।

मून जे-इन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर परमाणु निरस्त्रिकरण और दोनों देशों की परमाणु हथियार रहित सह-अस्तित्व और ‘‘सह-समृद्धि’’ पर जोर दिया। कोरियाई युद्ध के बाद 1953 में युद्धविराम तो हुआ, लेकिन कभी शांति की औपचारिक घोषणा नहीं की गई।

मून जे-इन ने कहा, ‘‘ उत्तर कोरिया को उन परिवर्तनों के लिए तैयार रहना चाहिए जो वैश्विक समुदाय के युग को लाभ पहुंचाते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय… सहयोग की भावना से उत्तर कोरिया तक पहुंचने के लिए हमेशा तैयार रहेगा।’’

गौरतलब है कि चिर प्रतिद्वंद्वी देशों दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया ने पिछले सप्ताह अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था।

मून ने मंगलवार को महासभा के समक्ष मिसाइल परीक्षण को लेकर कोई बात नहीं की, बल्कि इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित किया कि इस वर्ष दोनों देशों को संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए 30 साल पूरे हो गए हैं।

मून ने कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र में एक साथ शामिल होने के साथ ही, दोनों कोरियाई देशों ने इस बात को स्वीकार किया कि वे दो अलग-अलग राष्ट्र हैं, प्रणालियों और विचारधाराओं में भी भिन्न हैं। ऐसा कभी भी विभाजन को कायम रखने के लिए नहीं किया गया। बल्कि एक-दूसरे को स्वीकार कर और उनका सम्मान कर ही, हम आदान-प्रदान, मेल-मिलाप और एकीकरण के रास्ते पर चल सकते थे।’’

मून ने पिछले साल अपने भाषण की कुछ दलीलों को फिर दोहराया, जिसमें युद्ध के अंत की औपचारिक घोषणा करना शामिल था। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि उत्तर कोरिया मून द्वारा प्रस्तावित ‘स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए पूर्वोत्तर एशिया सहयोग’ में शामिल होता है तो यह क्षेत्र में केाविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए काफी फायदेमंद होगा।

एपी निहारिका शाहिद

शाहिद

 

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