अमेरिका। Musk’s company aims : अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने कहा है कि उनकी न्यूरालिंक कंपनी इंसानों के दिमाग में उपकरण लगाने (ब्रेन इम्प्लांट) का परीक्षण करने की जल्द ही अनुमति मांगेगी। मस्क ने बुधवार रात ‘‘शो एंड टेल’’ कार्यक्रम में कहा कि उनकी टीम अमेरिकी नियामकों से उन्हें उपकरण का परीक्षण करने की अनुमति देने का अनुरोध करेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि कंपनी को लगभग छह महीने में परीक्षण के तहत मानव मस्तिष्क में उपकरण लगाने में सक्षम होगी।
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Musk’s company aims : एलन मस्क के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों के साथ चर्चा कंपनी के लिए काफी अच्छी रही है, और अगले छह महीने में पहले इंसानी परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मस्क की न्यूरालिंक कंपनी उन कई समूहों में से एक है जो मस्तिष्क को कंप्यूटर से जोड़ने पर काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य मस्तिष्क रोगों के इलाज में मदद करना है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर न्यूरोटेक्नोलॉजी’ के सह-निदेशक राजेश राव ने कहा, ‘‘उन्हें नहीं लगता कि ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस उपलब्धियों के मामले में न्यूरालिंक आगे है। लेकिन … वे उपकरणों में वास्तविक हार्डवेयर के मामले में काफी आगे हैं।’’
Musk’s company aims : मस्क ने दो अन्य उत्पादों का खुलासा किया है। नये उपकरण को रीढ़ की हड्डी में लगाया जाएगा। कंपनी का मानना है कि लकवाग्रस्त किसी भी व्यक्ति को यह फिर से ठीक कर सकता है। टेस्ला और स्पेसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मस्क ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि पूरे शरीर की कार्यक्षमता को सक्षम करने के लिए कोई भौतिक सीमाएं नहीं हैं।’’ इंसानी दृष्टि को बेहतर करने के लिए शोधकर्ता मस्तिष्क और मशीन इंटरफेस पर भी काम कर रहे हैं।
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Musk’s company aims : राव ने कहा कि कुछ कंपनियों ने ‘रेटिनल इम्प्लांट’ विकसित किए हैं, लेकिन मस्क की घोषणा से स्पष्ट है कि उनकी टीम सीधे मस्तिष्क के ‘विजुअल कॉर्टेक्स’ को लक्षित करने वाले संकेतों का उपयोग करेगी। ‘न्यूरालिंक’ के प्रवक्ताओं ने प्रेस कार्यालय को भेजी गई ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया है।
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