मैड्रिड, 29 जून (एपी) नाटो ने बुधवार को रूस को अपने सदस्यों की शांति एवं सुरक्षा के लिए ‘सबसे बड़ा और सीधा खतरा’ करार दिया। इसके साथ ही नाटो प्रमुख ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद गठबंधन सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहा है।
तीस देशों के गठबंधन ने मैड्रिड में अपने शिखर सम्मेलन में रूस को नाटो देशों के लिए खतरा बताने वाली घोषणा की।
नाटो की यह घोषणा इस बात को रेखांकित करती है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने शीतयुद्ध के बाद के यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था को नाटकीय रूप से कैसे प्रभावित किया है।
गठबंधन के नेताओं ने रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए ‘राजनीतिक और व्यावहारिक समर्थन बढ़ाने’ का वादा किया।
हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इससे पहले बुधवार को अपने देश की पूरी तरह से मदद नहीं करने को लेकर नाटो से नाराजगी जताई तथा रूस से लड़ने के लिए और अधिक हथियार मांगे।
नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि गठबंधन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर सुरक्षा संकट चुनौती का सामना कर रहा है।
लेकिन गठबंधन को बड़ा सैन्य हिस्सा प्रदान करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि शिखर सम्मेलन ‘एक अचूक संदेश भेजेगा … कि नाटो मजबूत और एकजुट है।’
बाइडन ने कहा, ‘‘हम कदम बढ़ा रहे हैं। हम साबित कर रहे हैं कि नाटो की अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।’’
एपी नेत्रपाल पवनेश
पवनेश
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