रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच नाटो ने ‘प्रतिरोधी’ योजना का खाका तैयार किया |

रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच नाटो ने ‘प्रतिरोधी’ योजना का खाका तैयार किया

रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच नाटो ने ‘प्रतिरोधी’ योजना का खाका तैयार किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : January 24, 2022/9:07 pm IST

ब्रसेल्स, 24 जनवरी (एपी) रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव सोमवार को बढ़ गया और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने सेना व पोतों की संभावित तैनाती की एक रूपरेखा तैयार की है, वहीं आयरलैंड ने चेतावनी दी कि उसके तट के पास होने वाले रूसी युद्धाभ्यास का ऐसे समय में स्वागत नहीं किया जाएगा जब इस बात को लेकर चिंता प्रबल है कि मास्को यूक्रेन पर आक्रमण करने की योजना बना रहा है।

पश्चिमी गठबंधन का बयान एक तरह से व्यक्तिगत रूप से देशों द्वारा की गई घोषणाओं का सार है लेकिन नाटो के तहत उन्हें फिर से दोहराने का उद्देश्य संगठन की प्रतिबद्धता दर्शाना प्रतीत होता है। यह घोषणाओं की एक श्रृंखला में से एक था जिसने संकेत दिया कि पश्चिम यूक्रेन गतिरोध के साथ सूचना युद्ध में अपनी बयानबाजी तेज कर रहा है।

रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास अनुमानत: एक लाख सैनिकों का जमावड़ा किया है और मांग कर रहा है कि नाटो वादा करे कि वह यूक्रेन को कभी संगठन में शामिल होने की अनुमति नहीं देगा और अन्य कार्रवाई, जैसे कि पूर्व सोवियत ब्लॉक देशों में गठबंधन सैनिकों को तैनात करना, कम किया जाएगा।

इनमें से कुछ, जैसे यूक्रेन पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने की कोई शपथ, नाटो के लिए गैर-शुरुआत करने वाले हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि अड़ियल रुख से पैदा हुए गतिरोध का अंजाम सिर्फ युद्ध होगा।

रूस इस बात से इनकार करता रहा है कि वह आक्रमण की योजना बना रहा है, और उसने कहा है कि पश्चिमी देशों के आरोप नाटो के अपने नियोजित उकसावे के लिए केवल एक दिखावा हैं। हाल के दिनों में उच्च स्तर की कूटनीति देखने को मिली हालांकि इससे गतिरोध दूर होने की कोई गुंजाइश फिलहाल नजर आती नहीं दिख रही।

नाटो ने सोमवार को कहा कि वह बाल्टिक सागर क्षेत्र में अपनी “रक्षात्मक” उपस्थिति को बढ़ा रहा है। डेनमार्क एक युद्धपोत भेज रहा है और लिथुआनिया में एफ-16 युद्धक विमानों की तैनाती कर रहा है। स्पेन भी युद्धपोत भेजेगा और लड़ाकू विमानों को बुल्गारिया भेज सकता है जबकि फ्रांस भी अपने सैनिकों को रोमानिया भेजने के लिये तैयार है। नीदरलैंड की योजना भी अप्रैल से दो एफ-35 लड़ाकू विमान बुल्गारिया भेजने की है।

नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने एक बयान में कहा, ‘‘नाटो सभी गठबंधन सहयोगियों को सुरक्षा देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाता रहेगा।’’ उन्होंने कहा, “हम अपनी सामूहिक रक्षा को मजबूत करने सहित, हमारे सुरक्षा माहौल में किसी भी गिरावट का हमेशा जवाब देंगे।”

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने आरोप लगाया कि यह रूस नहीं, नाटो और अमेरिका हैं जो यूरोप में “तनाव बढ़ने” के पीछे हैं।

पेस्कोव ने संवाददाताओं के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, “यह सबकुछ हम, रूस जो कर रहा रहा इस वजह से नहीं हो रहा। नाटो और अमेरिका जो कर रहे हैं यह उसकी वजह से हो रहा है।” उन्होंने अमेरिकी मीडिया में आई खबरों का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि रूस यूक्रेन से अपने कूटनीतिज्ञों को निकाल रहा है, जिससे मास्को में अधिकारी इनकार करते रहे हैं।

यह घोषणा तब हुई जब यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन के समर्थन में नए सिरे से संकल्प प्रदर्शित करने की मांग की, और किसी भी रूसी आक्रमण का सामना करने के सर्वोत्तम तरीके पर मतभेद के बारे में चिंताओं को सामने रखा गया।

एक बयान में, मंत्रियों ने कहा कि यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध की तैयारी तेज कर दी है और उन्होंने चेतावनी दी है कि “यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा किसी भी आगे के सैन्य आक्रमण के बड़े पैमाने पर गंभीर परिणाम होंगे”।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे ईयू की विदेश नीति के प्रमुख जोसप बोर्रेल ने ब्रसेल्स में संवाददाताओं को बताया, “हम यूक्रेन में स्थिति पर अमेरिका के साथ मजूबत समन्वय में अभूतपूर्व एकजुटता दिखा रहे हैं।”

इसके अलावा यूरोपीय संघ भी संकटग्रस्त यूक्रेन के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और जो जल्द से जल्द ऋण और अनुदान के तौर पर 1.2 अरब यूरो (1.4 अरब डॉलर) के विशेष पैकेज की तैयारी कर रहा है।

यूक्रेन पर एक नए आक्रमण के आसन्न होने के किसी भी संकेत के लिए पश्चिम बेलारूस में रूसी सेना की गतिविधियों और युद्धाभ्यास को बेहद बेचैनी से देख रहा है। रूस पहले ही एक बार यूक्रेन पर आक्रमण कर चुका है, 2014 में उसने क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या यूरोपीय संघ अमेरिकी कदम का अनुसरण करते हुए यूक्रेन में यूरोपीय दूतावास कर्मियों के परिवारों को देश छोड़ने का आदेश देगा, बोरेल ने कहा, “हम वही काम नहीं करने जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वह उस निर्णय के बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात करना चाहते हैं।

ब्रिटेन ने भी सोमवार को यह घोषणा की कि वह कीव में अपने दूतावास से कुछ राजनयिकों और उनके आश्रितों को वापस बुला रहा है। विदेश कार्यालय ने कहा कि यह कदम “रूस से बढ़ते खतरे के जवाब में” था।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने कहा कि अमेरिका का निर्णय “एक अपरिपक्व कदम” था और “अत्यधिक सावधानी” का संकेत है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को अस्थिर करने के लिए यूक्रेन के लोगों और विदेशियों के बीच रूस दहशत फैला रहा है।

जर्मनी ने कोई आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन यह घोषणा की है कि दूतावास के कर्मचारियों के परिवार चाहें तो कीव छोड़ सकते हैं।

जर्मनी घटनाक्रम पर नजर रख रहा है, लेकिन जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने जोर देकर कहा, “हमें स्थिति को और अधिक अस्थिर करने में योगदान नहीं देना चाहिए। हमें स्पष्ट रूप से यूक्रेन की सरकार का समर्थन करना जारी रखना चाहिए और सबसे बढ़कर देश की स्थिरता को बनाए रखना चाहिए।”

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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