‘नाटो’ ने भेजे पोत और लड़ाकू विमान, आयरलैंड ने रूस से युद्धाभ्यास न करने को कहा |

‘नाटो’ ने भेजे पोत और लड़ाकू विमान, आयरलैंड ने रूस से युद्धाभ्यास न करने को कहा

‘नाटो’ ने भेजे पोत और लड़ाकू विमान, आयरलैंड ने रूस से युद्धाभ्यास न करने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : January 24, 2022/6:45 pm IST

ब्रसेल्स, 24 जनवरी (एपी) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने सोमवार को कहा कि उसने अतिरिक्त सुरक्षा बलों को जरूरत पड़ने पर तैयार रहने को कहा है और वह पूर्वी यूरोप में अधिक पोत और लड़ाकू विमान भेज रहा है। वहीं आयरलैंड ने चेतावनी दी है कि उसके तट से इतर रूस का सैन्य अभ्यास स्वागत योग्य कदम नहीं है क्योंकि इस बात को लेकर तनाव कायम है कि क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर हमला करने की मंशा रखते हैं।

अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन ने कहा कि वह बाल्टिक सागर क्षेत्र में अपनी “रक्षात्मक” उपस्थिति को बढ़ा रहा है। डेनमार्क एक युद्धपोत भेज रहा है और लिथुआनिया में एफ-16 युद्धक विमानों की तैनाती कर रहा है। स्पेन भी युद्धपोत भेजेगा और लड़ाकू विमानों को बुल्गारिया भेज सकता है जबकि फ्रांस भी अपने सैनिकों को रोमानिया भेजने के लिये तैयार है।

नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने एक बयान में कहा, ‘‘नाटो सभी गठबंधन सहयोगियों को सुरक्षा देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाता रहेगा।’’ उन्होंने कहा, “हम अपनी सामूहिक रक्षा को मजबूत करने सहित, हमारे सुरक्षा माहौल में किसी भी गिरावट का हमेशा जवाब देंगे।”

यह घोषणा तब हुई जब यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन के समर्थन में नए सिरे से संकल्प प्रदर्शित करने की मांग की, और किसी भी रूसी आक्रमण का सामना करने के सर्वोत्तम तरीके पर मतभेद के बारे में चिंताओं को सामने रखा गया।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे ईयू की विदेश नीति के प्रमुख जोसप बोर्रेल ने ब्रसेल्स में संवाददाताओं को बताया, “हम यूक्रेन में स्थिति पर अमेरिका के साथ मजूबत समन्वय में अभूतपूर्व एकजुटता दिखा रहे हैं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या यूरोपीय संघ अमेरिकी कदम का अनुसरण करते हुए यूक्रेन में यूरोपीय दूतावास कर्मियों के परिवारों को देश छोड़ने का आदेश देगा, बोरेल ने कहा, “हम वही काम नहीं करने जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वह उस निर्णय के बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात करना चाहते हैं।

ब्रिटेन ने भी सोमवार को यह घोषणा की कि वह कीव में अपने दूतावास से कुछ राजनयिकों और उनके आश्रितों को वापस बुला रहा है। विदेश कार्यालय ने कहा कि यह कदम “रूस से बढ़ते खतरे के जवाब में” था।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने कहा कि अमेरिका का निर्णय “एक अपरिपक्व कदम” था और “अत्यधिक सावधानी” का संकेत है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को अस्थिर करने के लिए यूक्रेन के लोगों और विदेशियों के बीच रूस दहशत फैला रहा है।

जर्मनी घटनाक्रम पर नजर रख रहा है, लेकिन जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने जोर देकर कहा, “हमें स्थिति को और अधिक अस्थिर करने में योगदान नहीं देना चाहिए। हमें स्पष्ट रूप से यूक्रेन की सरकार का समर्थन करना जारी रखना चाहिए और सबसे बढ़कर देश की स्थिरता को बनाए रखना चाहिए।”

एपी

प्रशांत माधव

माधव

 

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