नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने भंग प्रतिनिधि सभा को बहाल किया

नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने भंग प्रतिनिधि सभा को बहाल किया

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  • Publish Date - February 23, 2021 / 02:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, 23 फरवरी (भाषा) नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को तय समय से पहले चुनाव की तैयारियों में जुटे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को झटका देते हुए संसद की भंग की गई प्रतिनिधि सभा को बहाल करने का आदेश दिया है।

प्रधान न्यायधीश चोलेंद्र शमशेर जेबीआर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 275 सदस्यों वाले संसद के निचले सदन को भंग करने के सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए सरकार को अगले 13 दिनों के अंदर सदन का सत्र बुलाने का आदेश दिया।

सत्ताधारी दल में खींचतान के बीच नेपाल उस समय सियासी संकट में घिर गया था जब प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 20 दिसंबर को संसद की प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था।

ओली के प्रतिनिधि सभा को भंग करने के फैसले का पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के विरोधी धड़े ने विरोध किया था। प्रचंड सत्ताधारी दल के सह-अध्यक्ष भी हैं।

प्रतिनिधि सभा को भंग करने के अपने फैसले का ओली यह कहते हुए बचाव करते रहे हैं कि उनकी पार्टी के कुछ नेता “समानांतर सरकार” बनाने का प्रयास कर रहे थे।

शीर्ष अदालत में संसद के निचले सदन की बहाली के लिये सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्य सचेतक देव प्रसाद गुरुंग की याचिका समेत 13 रिट याचिकाएं दायर की गई थीं।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव