इजराइल में छुट्टियों के पहले कोरोना वायरस को लेकर उलझन में नेतन्याहू

इजराइल में छुट्टियों के पहले कोरोना वायरस को लेकर उलझन में नेतन्याहू

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  • Publish Date - September 10, 2020 / 10:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

तेल अवीव, 10 सितंबर (एपी) इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लंबे समय से देश की अति-रूढ़िवादी पार्टियों के साथ मधुर संबंध रहे हैं। ऐसे दलों को उदारतापूर्वक सब्सिडी मिलती रही है और इसके बदले में वे नेतन्याहू का जोरदार समर्थन करते रहे हैं जिससे उन्हें देश में सबसे लंबे समय तक पद पर बने रहने में मदद मिली।

हालांकि, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने नेतन्याहू की उलझनें बढ़ा दी हैं। एक ओर प्रमुख यहूदी छुट्टियां नजदीक आ रही हैं वहीं कोरोना वायरस से संक्रमण की बढ़ती दर पर काबू के लिए कदम उठाने की जरूरत है। इस पर संतुलन साधने के लिए आगामी छुट्टियों के ठीक पहले देश में फिर से लॉकडाउन लागू किया जा सकता है। छुट्टियां अगले सप्ताह से शुरू होनी है।

कोरोना वायरस से निपटने के तरीके को लेकर नेतन्याहू को राष्ट्रीय स्तर पर नाराजगी झेलनी पड़ी है। लेकिन अति-रूढ़िवादी लोगों (हरदी) में यह कुछ ज्यादा ही दिख रही है, जिन्होंने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल प्रतिबंधों को रोकने के लिए किया है। वे इसे भेदभावपूर्ण प्रतिबंध मानते हैं।

अति-रूढ़िवादी शहरों और कस्बों के महापौरों के एक समूह ने इस सप्ताह नेतन्याहू को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है, ‘ हरदी जनता अपने खिलाफ किए गए अन्याय को नहीं भूलेगी।’

पत्र में कहा गया है, ‘‘आपने बार-बार ऐसा निर्णय लिया जो तर्क या स्वास्थ्य लाभ से संबंधित नहीं थे। स्पष्ट रूप से वे फैसले हरदी जनता को लक्ष्य कर किए गए थे। हम ऐसे दंडात्मक कदमों के लिए सिर्फ आपको दोषी मानते हैं।’’

इस हफ्ते इजराइल ने करीब 40 शहरों में कोरोना वायरस को लेकर नए प्रतिबंध लगाए हैं जिनमें रात का कर्फ्यू, सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर सख्ती और स्कूलों को बंद करना शामिल हैं। इन प्रतिबंधों से सबसे ज्यादा अति-रूढ़िवादी और अरब समुदाय भी प्रभावित हुए हैं।

एपी

अविनाश दिलीप

दिलीप