(तस्वीरों के साथ)
(ललित के.झा)
वाशिंगटन, 28 सितंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखता है और यूक्रेन में युद्ध के बाद से उसे सैन्य उपकरणों की मरम्मत व कल-पुर्जों की आपूर्ति को लेकर रूस के साथ काम करने में कोई कठिनाई नहीं आई है।
जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जहां तक सैन्य उपकरणों (रूस से आने वाले) की बात है मेरी जानकारी में इस संबंध में हाल के महीनों में हमें सैन्य उपकरणों की मरम्मत या पूर्व में रूस से मिलने वाले कल-पुर्जों की आपूर्ति के मामले में किसी विशेष समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें हमारे सैन्य उपकरण कहां से मिलते हैं, यह समस्या नहीं है … वास्तव में भू-राजनीतिक तनाव के कारण यह मुद्दा खड़ा हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया भर में संभावनाओं को देखता है। जयशंकर ने कहा, ‘‘ हम प्रौद्योगिकी व क्षमता की गुणवत्ता, उन शर्तों को देखते हैं जिसके तहत विशेष उपकरण दिए जाते हैं और हम हमेशा उस विकल्प को चुनते हैं जो हमें लगता है कि हमारे राष्ट्रीय हित में है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल में भारत ने अमेरिका से भी काफी कुछ खरीदा है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ उदाहरण के लिए विमान सी-17, सी-130, पी-8 या अपाचे हेलीकॉप्टर या चिनूक या होवित्ज़र, एम777 होवित्ज़र … हमने फ्रांस से भी काफी कुछ लिया है जैसे राफेल विमान। इसी तरह हमने इज़राइल से भी काफी खरीदा है।’’
जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ हमारी अलग-अलग जगह से वस्तुएं लेने की नीति रही है और हमारे लिए वास्तव में यही मायने रखता है कि प्रतिस्पर्धी स्थिति से बेहतरीन सौदा कैसे किया जाए।’’
भाषा निहारिका माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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