उत्तर को​रिया कभी इतना अलग-थलग नहीं रहा : संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ता |

उत्तर को​रिया कभी इतना अलग-थलग नहीं रहा : संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ता

उत्तर को​रिया कभी इतना अलग-थलग नहीं रहा : संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : October 23, 2021/2:33 am IST

North korea has never been so isolated : संयुक्त राष्ट्र, 23 अक्टूबर (एपी) कोविड-19 की रोकथाम के लिये उठाए गए कदमों और बिगड़ते वैश्विक संबंधों के कारण उत्तर कोरिया आज वैश्विक समुदाय से जितना अलग-थलग नजर आ रहा है उतना पहले कभी नहीं रहा और इस स्थिति का “देश के अंदर लोगों के मानवाधिकारों पर भी जबर्दस्त असर पड़ा है।” अलग-थलग उत्तर पूर्व एशियाई देश पर संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र जांचकर्ता ने शुक्रवार को यह टिप्पणी की।

टॉमस ओजिया क्विंटाना ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार समिति को और पूर्व में किए गए संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उत्तर कोरिया में खाद्यान्न संकट है और लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है तथा बच्चे एवं बुजुर्गों के लिए भुखमरी का खतरा है।

उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक कैदियों के शिविरों में खाद्यान्न की कमी को लेकर भी “बेहद चिंतित’’ हैं। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) ने महामारी की रोकथाम के लिए सीमाएं बंद कर दीं, जिसका उत्तर कोरिया के लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा क्योंकि देश का स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा निवेश की कमी और चिकित्सकीय सामग्री की आपूर्ति में कमी का सामना कर रहा है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए डीपीआरके की सरकार के इस आत्मघाती कदम के कारण लोग आत्महत्या कर रहे हैं और देश से पलायन कर रहे हैं। डीपीआरके में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष जांचकर्ता के तौर पर छह साल बाद महासभा को अपनी अंतिम रिपोर्ट में क्विंटाना ने कहा, ‘आवाजाही की स्वतंत्रता पर पाबंदी और राष्ट्रीय सीमाओं को बंद करने से बाजार की गतिविधि बाधित हो गई है जो लोगों के लिए भोजन सहित बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच बनाने के लिए बेहद जरूरी है।”

एपी सुरभि प्रशांत

प्रशांत

 

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