(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 14 नवंबर (भाषा) पाकिस्तान में विपक्षी दलों के एक गठबंधन ने हाल में हुए विवादास्पद संवैधानिक संशोधनों के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन करने की शुक्रवार को घोषणा की और कहा कि वे संविधान को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के लिए दबाव बनाने के वास्ते सभी ‘‘लोकतांत्रिक तरीकों’’ का इस्तेमाल करेंगे।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने बृहस्पतिवार को 27वें संविधान संशोधन पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया। इस कानून में रक्षा बलों के प्रमुख का नया पद सृजित करने और एक संवैधानिक न्यायालय की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
तहरीक-ए-तहाफुज आईन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) भी शामिल है। इसने एक बैठक के बाद एक बयान में कहा कि वह इन बदलावों का ‘‘कड़ा विरोध’’ करेगी।
गठबंधन ने कहा, ‘‘टीटीएपी इन असंवैधानिक संशोधनों के खिलाफ अपने प्रतिरोध और संघर्ष को दोहराती है और संविधान को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक तरीकों से सख्ती से विरोध करेगी और मांग करेगी कि संविधान को उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाए।’’
गठबंधन ने कहा कि उसके सांसद सोमवार को ‘नेशनल असेंबली’ से उच्चतम न्यायालय तक मार्च करेंगे। उसी दिन खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में 27वें संशोधन के विरोध में एक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा।
भाषा
देवेंद्र नेत्रपाल
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