म्यांमा में विपक्ष का सैन्य शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विद्रोह का आह्वान |

म्यांमा में विपक्ष का सैन्य शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विद्रोह का आह्वान

म्यांमा में विपक्ष का सैन्य शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विद्रोह का आह्वान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : September 7, 2021/7:48 pm IST

बैंकॉक, सात सितंबर (एपी) म्यांमा में सैन्य शासन के खिलाफ प्रतिरोध का समन्वय करने वाले भूमिगत समूह राष्ट्रीय एकता सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रव्यापी विद्रोह का आह्वान किया।

राष्ट्रीय एकता सरकार का एक ‘छाया मंत्रिमंडल’ है यह उन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा बनाया गया है जिन्हें फरवरी में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा किये जाने के बाद पद नहीं लेने संभालने दिया गया था।

भूमिगत सरकार के कार्यकारी अध्यक्ष दुवा लाशि ला ने तथाकथित ‘‘आपातकाल की स्थिति’’ की घोषणा की और ‘‘एक ही समय में पूरे देश के हर गांव, कस्बे और शहर में’’ विद्रोह का आह्वान किया। उनके भाषण का एक वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया गया।

सेना के सत्ता पर काबिज होने के बाद सात महीनों के संघर्ष में करीब 1,000 नागरिक मारे गए हैं।

सत्तारूढ़ सेना के एक प्रवक्ता ने नये सिरे से विरोध प्रदर्शन के आह्वान को अधिक तवज्जो नहीं दिया।

मेजर जनरल जॉ मिन टुन ने सरकारी टेलीविजन एमआरटीवी द्वारा टेलीग्राम ऐप पर पोस्ट किए गए एक बयान में, विपक्ष की ताकत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए निर्वासित मीडिया को दोषी ठहराया।

जब से सेना ने आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल किया है, तब से म्यांमा में अशांति है। सुरक्षा बलों द्वारा बल प्रयोग के बाद कई शहरी क्षेत्रों में सत्ताधारी जनरलों के खिलाफ शुरू में शांतिपूर्ण रहे प्रदर्शन अब निचले-स्तर के विद्रोह में तब्दील हो गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक गंभीर संघर्ष हुआ है, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां जातीय अल्पसंख्यक मिलिशिया सरकारी सैनिकों के साथ भारी संघर्ष में संलग्न हैं। ‘छाया मंत्रिमंडल’ में प्रधानमंत्री, माहन विन्न खैंग थान ने ऑनलाइन पोस्ट एक अलग बयान में कहा कि नया कदम ‘बदलती परिस्थितियों’ के कारण लिया गया है जिसके लिए सत्तारूढ़ सैन्य सरकार के पूर्ण उन्मूलन की आवश्यकता थी। उन्होंने इस संबंध में विस्तार से नहीं बताया।

विद्रोह का आह्वान संयुक्त राष्ट्र महासभा आहूत किये जाने के एक सप्ताह पहले किया गया है। राष्ट्रीय एकता सरकार को उम्मीद है कि महासभा औपचारिक रूप से विपक्षी समूह का समर्थन करने वाले क्याव मो तुन को विश्व निकाय में म्यांमा के वैध दूत के रूप में मान्यता देगी। वह पहले सरकार के आधिकारिक प्रतिनिधि थे।

एपी अमित पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)