नेपाल में संसद भंग करने के खिलाफ राजनीतिक एवं कानूनी कार्रवाई का सहारा लेगा विपक्ष

नेपाल में संसद भंग करने के खिलाफ राजनीतिक एवं कानूनी कार्रवाई का सहारा लेगा विपक्ष

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  • Publish Date - May 22, 2021 / 10:39 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

काठमांडू 22 मई (भाषा) नेपाल में विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वह संसद भंग करने के राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के फैसले के खिलाफ राजनीतिक एवं कानूनी कार्रवाई का सहारा लेगा।

विपक्ष ने राष्ट्रपति भंडारी और प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली पर लाभ के लिए संविधान का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।

इससे पहले राष्ट्रपति भंडारी ने संसद की 275 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा को भंग करने के साथ ही 12 तथा 19 नवंबर को देश में मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओली और विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार शेर बहादुर देउबा दोनों ही सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं।

भंडारी की इस घोषणा से पहले ओली ने आधी रात को मंत्रिमंडल की आपात बैठक के बाद प्रतिनिधि सभा को भंग करने की सिफारिश की थी।

समाचार वेबसाइट माइरिपब्लिका डॉट काम की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल कांग्रेस (एनसी) ने संसद भंग किए जाने के फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति भंडारी और प्रधानमंत्री ओली ने असंवैधानिक कार्य किया है।

ओली ने 10 मई को दोबारा प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद घोषणा की थी कि वह संसद में विश्वासमत हासिल नहीं करना चाहते। इसके बाद राष्ट्रपति भंडारी ने संविधान के अनुच्छेद 76(5) का प्रयोग करते हुए अन्य नेताओं को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। इसके लिए उन्होंने 24 घंटे का समय दिया था।

इसके बाद एनसी के अध्यक्ष देउबा ने 149 सांसदों के समर्थन वाला पत्र सौंपकर प्रधानमंत्री पद के लिए दावा किया था।

एनसी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘इसके बावजूद राष्ट्रपति भंडारी ने देउबा के सरकार बनाने के दावे को खारिज करते हुए ओली को ही प्रधानमंत्री पद पर बने रहने में मदद की। यह कदम न केवल असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है, बल्कि यह अनैतिक भी है।’

देउबा ने राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होने का आग्रह करते हुए कहा कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी लोकतांत्रिक ताकतों को मिलकर आगे आना चाहिए और इसके खिलाफ राजनीतिक तथा कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

इस बीच, नेपाली कांग्रेस के नेताओं के अलावा सीपीएन-माओइस्ट सेंटर, सत्ताधारी सीपीएन-यूएमएल के माधव नेपाल के धड़े और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल के उपेन्द्र यादव के धड़े वाले नेता आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को संसद में बैठक कर रहे हैं।

सत्ताधारी दल सीपीएन-यूएमएल ने भी शनिवार को अपनी स्थायी समिति की बैठक बुलाई है जिसमें मध्यावधि चुनाव के अलावा कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। यह बैठक प्रधानमंत्री आवास पर होगी।

भाषा रवि कांत नेत्रपाल

नेत्रपाल