भूस्खलन के कारण 2,000 से अधिक लोग जिंदा दफन: पापुआ न्यू गिनी सरकार

भूस्खलन के कारण 2,000 से अधिक लोग जिंदा दफन: पापुआ न्यू गिनी सरकार

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  • Publish Date - May 27, 2024 / 10:07 PM IST,
    Updated On - May 27, 2024 / 10:07 PM IST

मेलबर्न, 27 मई (एपी) पापुआ न्यू गिनी की सरकार के एक अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र को बताया है कि ऐसा माना जाता है कि पिछले शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 2,000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए हैं। अधिकारी ने साथ ही औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मदद भी मांगी।

सरकार का यह आंकड़ा दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश के पहाड़ी अंदरूनी इलाकों में भूस्खलन से मारे गए 670 लोगों के संयुक्त राष्ट्र के अनुमान का लगभग तीन गुना है।

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तक केवल पांच लोगों के शव बरामद किए गए थे। यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस हादसे में छह लोगों की मौत होने के रविवार के आंकड़े को संशोधित क्यों किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक को रविवार को लिखा गया एक पत्र एसोसिएटेड प्रेस द्वारा देखा गया है। इसमें, देश के राष्ट्रीय आपदा केंद्र के कार्यवाहक निदेशक, लुसेटा लासो माना ने कहा कि भूस्खलन में ‘2,000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए’ और एंगा प्रांत के यमबली में गांव में ‘बड़ी तबाही’ हुई है।

आपदा के बाद से हताहतों की संख्या का अनुमान व्यापक रूप से परिवर्तित हुआ है और यह तत्काल स्पष्ट नहीं है कि अधिकारी प्रभावितों की संख्या पर कैसे पहुंचे।

पापुआ न्यू गिनी के साथ नजदीकी तौर पर काम कर रहे अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने देश में बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन से 670 लोगों की मौत होने की आशंका जताई थी। आईओएम ने भूस्खलन में 670 लोगों की मौत होने का अपना अनुमान अभी बदला नहीं है।

पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के कार्यालय ने सोमवार को इस स्पष्टीकरण के अनुरोध का जवाब नहीं दिया कि 2,000 का सरकारी अनुमान किस पर आधारित था। मारापे ने विनाश और जनहानि के बारे में जानकारी उपलब्ध होने पर जारी करने का वादा किया है।

माना ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में कहा, ‘स्थिति अस्थिर बनी हुई है। भूस्खलन बचाव दलों और जीवित बचे लोगों, दोनों के लिए खतरा बना हुआ है।’

माना और पापुआ न्यू गिनी के रक्षा मंत्री, बिली जोसेफ ने स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को एक ऑस्ट्रेलियाई सैन्य हेलीकॉप्टर में राजधानी पोर्ट मोर्सबी से उत्तर-पश्चिम में 600 किलोमीटर दूर यमबली तक उड़ान भरी।

एपी अमित माधव

माधव