इस्लामाबाद, 27 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित सुन्नी इत्तेहाद कांउसिल की आरक्षित सीटों में अपने हिस्से के आवंटन के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।
खान (71) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा, क्योंकि पार्टी अपने चुनाव चिह्न ‘क्रिकेट बैट’ का आवंटन न होने के कारण आठ फरवरी के आम चुनावों में सीधे भाग नहीं ले सकी।
नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट में पीटीआई की हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए पार्टी द्वारा समर्थित विजयी निर्दलीय उम्मीदवार सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) में शामिल हो गए।
नेशनल असेंबली की 336 सीट में से 60 सीट महिलाओं, जबकि 10 सीट अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं, जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर विजेता दलों को आवंटित की जाती हैं।
‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान निर्वाचन आयोग की पांच सदस्यीय पीठ ने आरक्षित सीट के आवंटन का अनुरोध करने वाली एसआईसी की याचिका और इसके खिलाफ दायर जवाबी याचिका पर खुली सुनवाई की।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के आजम नजीर तरार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के फारूक नाइक और पीटीआई समर्थित एसआईसी के वकील गौहर खान और अली जफर की याचिकाओं पर सुनवाई की।
‘जियो न्यूज’ की खबर के मुताबिक, सुनवाई के दौरान वकील जफर ने कहा कि पीटीआई ने आरक्षित सीट पर दावा करने के लिए आयोग से संपर्क किया था और यदि राजनीतिक दल सीट लेना चाहते हैं, तो उन्हें राजनीतिक दलों के रूप में सामने आना चाहिए और खुले तौर पर दावा करना चाहिए।
पीएमएल-एन पार्टी के तरार ने तर्क दिया कि चूंकि एसआईसी ने चुनाव में एक भी सीट नहीं जीती, इसलिए उसे निर्दलीय उम्मीदवारों को इकट्ठा करके आरक्षित सीट कैसे दी जा सकती हैं?
आयोग ने याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।
भाषा
शफीक दिलीप
दिलीप