पाकिस्तान : भगवद् गीता, बाइबल को कंठस्थ करने पर अल्पसंख्यक कैदियों को सजा में छूट का प्रस्ताव |

पाकिस्तान : भगवद् गीता, बाइबल को कंठस्थ करने पर अल्पसंख्यक कैदियों को सजा में छूट का प्रस्ताव

पाकिस्तान : भगवद् गीता, बाइबल को कंठस्थ करने पर अल्पसंख्यक कैदियों को सजा में छूट का प्रस्ताव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : August 5, 2022/9:39 pm IST

लाहौर, पांच अगस्त (भाषा) पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नवनियुक्त सरकार ने अपने पवित्र धर्म ग्रंथों को कंठस्थ करने पर अल्पसंख्यक समुदायों के कैदियों की सजा अवधि कम करने का प्रस्ताव किया है।

पंजाब प्रांत के गृह विभाग ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही को प्रांत की जेलों में बंद ईसाई, हिंदू और सिख कैदियों के लिए सजा अवधि में तीन से छह महीने की छूट के वास्ते एक ‘समरी’ भेजी है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पंजाब सरकार के गृह विभाग ने ईसाई और हिंदू कैदियों को उनके पवित्र ग्रंथों – बाइबल और भगवद् गीता – को कंठस्थ करने पर सजा की अवधि में तीन से छह महीने की छूट का प्रस्ताव देने के लिए मुख्यमंत्री को एक ‘सारांश’ भेजा है।’’

पंजाब की जेल सेवा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पवित्र कुरान को याद करने वाले मुस्लिम कैदियों को सजा की अवधि में छह महीने से दो साल तक की छूट मिल सकती है।

अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद सारांश को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद गृह विभाग हिंदू और ईसाई कैदियों की सजा अवधि में कमी संबंधी अधिसूचना जारी करेगा।

उन्होंने कहा कि इस कदम से अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कैदी अपने पवित्र धर्म ग्रंथों का अध्ययन करने को प्रेरित होंगे।

मार्च में, लाहौर उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार से अल्पसंख्यक कैदियों को सजा में छूट दिए जाने के संबंध में रिपोर्ट तलब की थी। एक ईसाई याचिकाकर्ता ने पाकिस्तान जेल नियम 1978 के नियम 215 के तहत मुसलमानों को दी जाने वाली छूट का हवाला देते हुए अन्य धर्मों के कैदियों के लिए भी इसी तरह की छूट के प्रावधान का अनुरोध किया था।

आधिकारिक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में पंजाब प्रांत की 34 जेलों में ईसाई, हिंदू और सिख सहित 1,188 अल्पसंख्यक कैदी हैं।

भाषा शफीक नरेश

नरेश

 

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