पाकिस्तान और अफगान तालिबान की शांति वार्ता इस्तांबुल में शुरू हुई

पाकिस्तान और अफगान तालिबान की शांति वार्ता इस्तांबुल में शुरू हुई

पाकिस्तान और अफगान तालिबान की शांति वार्ता इस्तांबुल में शुरू हुई
Modified Date: November 6, 2025 / 10:32 pm IST
Published Date: November 6, 2025 10:32 pm IST

इस्लामाबाद, छह नवंबर (भाषा) पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच बृहस्पतिवार को इस्तांबुल में शांति वार्ता शुरू हुई, जिसका उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे से निपटना और दोनों पक्ष के बीच तनाव को बढ़ने से रोकना है।

सीमा पर तैनात सैनिकों के बीच 11 अक्टूबर को हुई झड़प में दोनों पक्षों को जनहानि हुई थी।

पाकिस्तान का दावा है कि इस झड़प में कम से कम 206 अफगान तालिबान और 110 तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सदस्य मारे गए, जबकि पाकिस्तान के 23 सैनिकों की भी मौत हुई थी।

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दोनों पक्षों के बीच 15 अक्टूबर को संघर्षविराम पर सहमति बनी थी, जिसे 19 अक्टूबर को दोहा और 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में हुई वार्ताओं के दौरान आगे बढ़ाया गया था।

अस्थायी संघर्षविराम अब भी प्रभावी है, लेकिन दोनों पक्षों के अधिकारियों के बयानों में और सोशल मीडिया पर पारस्परिक कटुता साफ झलक रही है।

इस्तांबुल में हुई वार्ता असफल होने की कगार पर थी, लेकिन तुर्किये के हस्तक्षेप से स्थिति संभल गई तथा एक और दौर की बातचीत पर सहमति बनी।

तीसरे दौर की वार्ता में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) के महानिदेशक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक कर रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल में सेना, खुफिया एजेंसियों और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इस वार्ता की मेजबानी तुर्किये और कतर संयुक्त रूप से कर रहे हैं।

अफगान तालिबान के प्रतिनिधिमंडल में ‘खुफिया महानिदेशालय’ (जीडीआई) के प्रमुख अब्दुल हक वासिक, उप गृहमंत्री रहमतुल्ला नजीब, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन, अनस हक्कानी, जाकिर जलाली और अंकारा में अफगानिस्तान के प्रभारी राजदूत शामिल हैं।

भाषा राखी अविनाश

अविनाश


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