गर्भवती महिलाओं के पीने के पानी में पीएफएएस की मौजूदगी उनके शिशुओं के लिए घातक : अध्ययन

गर्भवती महिलाओं के पीने के पानी में पीएफएएस की मौजूदगी उनके शिशुओं के लिए घातक : अध्ययन

गर्भवती महिलाओं के पीने के पानी में पीएफएएस की मौजूदगी उनके शिशुओं के लिए घातक : अध्ययन
Modified Date: December 9, 2025 / 06:14 pm IST
Published Date: December 9, 2025 6:14 pm IST

(डेरेक लेमोइन, एशले लैंग और बो गुओ, एरिजोना विश्वविद्यालय)

एरिजोना, नौ दिसंबर (द कन्वरसेशन) यदि गर्भवती महिलाएं ऐसे कुओं का पानी पीती हैं, जो पीएफएएस (फॉरेवर केमिकल्स) नामक हानिकारक रसायनों से दूषित जगहों के पास स्थित हैं, तो उनके बच्चे के लिए स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं। इनमें जन्म के समय उनके शिशुओं का कम वजन, समय पूर्व प्रसव और शिशु की मृत्यु शामिल है। यह खुलासा एक हालिया अध्ययन में हुआ है।

इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि आर्थिक अनुसंधानकर्ताओं और जलविज्ञानियों की हमारी टीम ने पाया कि पीएफएएस के संपर्क में आने से अत्यंत कम वजन और समयपूर्व प्रसव की आशंका बढ़ जाती है, जो जीवन भर स्वास्थ्य चुनौतियों से जुड़ा हुआ है।

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कुओं से हमें पीएफएएस जोखिमों के बारे में क्या जानकारी मिली?

पीएफएएस यानी परफ्लुओरोएल्किल और पॉलीफ्लुओरोएल्किल पदार्थों ने हाल के वर्षों में जनता और नियामकों का ध्यान आकर्षित किया है। ये मानव निर्मित यौगिक पर्यावरण में बने रहते हैं, मानव शरीर में जमा हो जाते हैं और अत्यंत कम सांद्रता में भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

पीएफएएस के प्रजनन संबंधी जोखिमों के बारे में अधिकांश मौजूदा जानकारी प्रयोगशाला में चूहों जैसे जीवों पर किए गए अध्ययनों से, या मानव रक्त में पीएफएएस के स्तर और स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंधों पर आधारित है।

दोनों ही तरीकों की अपनी-अपनी अहम सीमाएं हैं। चूहों और मनुष्यों के शरीर, उनके संपर्क और रहने की स्थितियां अलग-अलग होती हैं। कुछ मामलों में गुर्दे की कार्यप्रणाली जैसे स्वतंत्र कारक, स्वास्थ्य समस्याओं के असली कारण हो सकते हैं।

हम वास्तविक दुनिया के मानव जीवन पर पीएफएएस के प्रभावों के बारे में इस तरह से जानना चाहते थे कि यह एक यादृच्छिक प्रयोग के जितना संभव हो करीब रहे। लोगों को जानबूझकर पीएफएएएस के संपर्क में लाना अनैतिक होता, लेकिन पर्यावरण ने हमें अपना एक प्राकृतिक योगदान दिया।

हमने 2010 से 2019 तक इस अमेरिकी राज्य में हुए सभी जन्मों के आंकड़े एकत्र किये और उन 11,539 जन्मों पर ध्यान केंद्रित किया, जो पीएफएएस से संदूषित माने जाने वाले स्थान के पांच किलोमीटर के दायरे में हुए थे और जहां माताओं को सार्वजनिक जल प्रणालियों से पेयजल की आपूर्ति होती थी। कुछ संदूषण उद्योगों से आया, तो कुछ लैंडफिल या अग्निशमन गतिविधियों से।

दूषित स्थलों से पीएफएएस धीरे-धीरे मृदा से भूजल को संदूषित करते हैं और वे भूजल के प्रवाह के साथ नीचे की ओर बढ़ते जाते हैं।

इससे एक सरल किन्तु प्रभावशाली विरोधाभास उत्पन्न हुआ, वे गर्भवती महिलाएँ जिनके घरों में पानी उन कुओं से आता था जो पीएफएएस स्रोत के ‘डाउनस्ट्रीम’ (भूजल की दृष्टि से नीचे) स्थित थे, संभवतः दूषित स्थल से पीएफएएस के संपर्क में आई थीं; जबकि जिन महिलाओं को पानी उन कुओं से मिलता था, जो उन स्थलों के अपस्ट्रीम (ऊपर) स्थित थे, उनके इस रसायन के संपर्क में आने का जोखिम नहीं था।

पीएफएएस परीक्षण पर बाहरी डेटा का उपयोग करते हुए, हमने पुष्टि की कि पीएफएएस का स्तर वास्तव में ‘‘ऊपरी धारा’’(भूजल बहाव के संदर्भ में) वाले कुओं की तुलना में ‘‘निचली धारा’’ वाले कुओं में अधिक था।

जिन स्थानों से भूजल की आपूर्ति पीने के लिए की जाती है, उनके स्थान संबंधी आंकड़े संवेदनशील होते हैं, जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए महिलाओं को शायद पता ही नहीं होगा कि वे इसके संपर्क में थीं या नहीं। 2016 में राज्य द्वारा पीएफएएस परीक्षण शुरू करने से पहले, उन्हें शायद यह भी नहीं पता था कि आस-पास की जगह पर पीएफएएस है।

पीएफएएस का सबसे जोखिमपूर्ण प्रसव से संबंध

हमने पाया कि पीएफएएस के संपर्क में आने से होने वाले नुकसान के स्पष्ट प्रमाण हैं।

जिन महिलाओं ने पीएफएएस संदूषित स्थलों पर भूजल के नीचे की ओर बहाव वाले कुओं से पानी प्राप्त किया, उनमें कम वजन वाले शिशु (जन्म के समय 2,500 ग्राम से कम वज़न वाले शिशु) के जन्म की आशंका औसतन 43 प्रतिशत अधिक उन महिलाओं की तुलना में थी, जिन्होंने ऊपरी धारा वाले और पीएफएएस स्रोत से दूर वाले कुओं से पानी प्राप्त किया। इसी प्रकार निचली धारा वाले कुओं से पानी पीने वाली गर्भवर्ती महिलाओं के समय पूर्व प्रसव (37 सप्ताह से पहले) की आशंका 20 प्रतिशत अधिक थी, और शिशु के अपने पहले वर्ष तक जीवित न रह पाने की आशंका 191 प्रतिशत अधिक थी।

इसी प्रकार, ‘डाउनस्ट्रीम’ (निचले) कुओं से पेयजल प्राप्त करने वाली प्रति एक लाख गर्भवती महिलाओं के जन्मे बच्चों की तुलना में 2,639 अतिरिक्त बच्चे कम वजन वाले होते हैं, 1,475 अतिरिक्त बच्चों का समयपूर्व जन्म तथा औसतन 611 अतिरिक्त बच्चों की मौत एक साल से पहले हो जाती है।

सबसे कम वजन वाले जन्म और समय पूर्व प्रसव के मामलों के संदर्भ में हमने पाया कि सामान्य स्थानों से पीने के लिए भूजल का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की तुलना में पीएफएएस स्रोतों से नीचे के बहाव वाले भूजल धारा से पेयजल प्राप्त करने वाली महिलाओं में 2.2 पाउंड (1,000 ग्राम) से कम वज़न वाले बच्चों के जन्म की आशंका 180 प्रतिशत अधिक थी। इसी प्रकार 28 हफ़्तों से पहले ही प्रसव की आशंका भी 168 प्रतिशत अधिक थी। प्रति एक लाख जन्मों पर, लगभग 607 अतिरिक्त अत्यंत कम वज़न वाले बच्चे और 466 अतिरिक्त अत्यंत समय पूर्व प्रसव के मामले सामने आए।

आर्थिक रूप से भी पीएफएएस संदूषण महंगा

अनुसंधानकर्ता कम वजन और समय पूर्व प्रसव वाले बच्चों की लागत का आकलन करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं, जो उनके उच्च चिकित्सा बिल, बाद में खराब स्वास्थ्य और जीवन भर की कमाई में कमी पर आधारित होते हैं।

हमने न्यू हैम्पशायर के आंकड़ों और 11 अन्य राज्यों में पीएफएएस संदूषित स्थलों के आंकड़ों का विस्तृत परीक्षण के साथ उपयोग किया, ताकि देश भर में कम वजन वाले जन्म, समय पूर्व प्रसव और शिशु मृत्यु दर से संबंधित पीएफएएस जोखिम से होने वाली लागत का अनुमान लगाया जा सके।

नतीजे चौंकाने वाले हैं। हमारा अनुमान है कि हर साल कम वजन वाले बच्चों के जन्म पर पीएफएएस के प्रभाव से समाज को सालाना करीब 7.8 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है।

हमने पाया कि समय से पूर्व प्रसव और शिशु मृत्यु दर पर पीएफएएस के प्रभाव के कारण अमेरिका को प्रत्येक वर्ष जन्म लेने वाले ऐसे बच्चों के जीवनकाल में लगभग 5.6 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है।

पीएफएएस से कैसे बचा जाए

पीएफएएस से होने वाले खतरों और इससे होने वाले नुकसान से बचने के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखना बाकी है।

हमने पीएफओए (परफ्लुओरोऑक्टेनोइक एसिड, जो कृत्रिम रसायन है और नॉन-स्टिक कुकवेयर और जलरोधी कपड़ों जैसे उत्पादों में इस्तेमाल होता था) और पीएफओएस (परफ्लुओरोऑक्टेनसल्फोनिक एसिड जो पानी, ग्रीस और ऊष्मा प्रतिरोधी गुणों के कारण गैर-स्टिक पैन, अग्निशमन फोम और कपड़ों जैसे उत्पादों में इस्तेमाल होता था) के स्वास्थ्य प्रभावों का अध्ययन किया, जो पीएफएएस की दो ‘लंबी-शृंखला’ प्रकार हैं और अमेरिका में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाती थीं। अब इनका उत्पादन अमेरिका में नहीं होता, लेकिन ये अब भी मृदा और भूजल में मौजूद हैं। भविष्य में नए, ‘छोटी-शृंखला’ पीएफएएस पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है, जिनके स्वास्थ्य पर अलग-अलग प्रभाव हो सकते हैं।

पीएफएएस कई तरह के उत्पादों में होते हैं, और भोजन सहित कई माध्यमों से इनके के संपर्क में आ सकते हैं। पानी से पीएफएएस को हटाने का असरदार तरीका अब भी हमारे अनुसंधान का विषय है, लेकिन हमने जिन ‘दीर्घ शृंखला’ वाले पीएफएएस पर अध्ययन किया है, उन्हें सक्रिय कार्बन फिल्टर की मदद से पानी से अलग किया जा सकता है फिर चाहे पेयजल आपूर्तिकर्ता द्वारा यह घर में।

हमारे परिणाम दर्शाते हैं कि गर्भवती महिलाओं को पीने के पानी के माध्यम से लंबी-शृंखला वाले पीएफएएस के संपर्क में आने के बारे में चिंतित होने का विशेष कारण है। अगर गर्भवती महिलाओं को संदेह है कि उनके पीने के पानी में पीएफएएस हो सकता है, तो हमारा मानना ​​है कि उन्हें ऐसे ‘वाटर फिल्टर’ लगाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, जो पीएफएएस को छान सकें।

(द कन्वरसेशन) धीरज दिलीप

दिलीप


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