कोलंबो, छह अक्टूबर (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को संसद में घोषणा की कि वह देश के सबसे खराब आर्थिक संकट पर चर्चा करने के लिए जल्द ही भारत की यात्रा करेंगे।
राष्ट्रपति ने जापान, सिंगापुर और फिलीपीन की अपनी हालिया यात्राओं के बारे में संसद को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘हम भारत के साथ अपनी बातचीत जारी रखे हुए हैं। जापान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी संक्षिप्त मुलाकात के दौरान, मैंने उन्हें अपनी स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए नयी दिल्ली जाने की अपनी इच्छा से अवगत कराया।’’
श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में हाल में कार्यभार संभालने वाले विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘मोदी ने हमेशा हमें अपना समर्थन दिया है। मैंने हमेशा ही हमारे संकट के समय में भारत की सहायता की सराहना की है। भारत हमारे पुनर्निर्माण के प्रयास में अपना समर्थन देना जारी रखेगा।’’
गौरतलब है कि श्रीलंका 1948 के बाद से अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
भारत इस साल जनवरी से लेकर अब तक श्रीलंका की चार अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता कर चुका है।
श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग समाप्त हो चुका है, जिसके कारण वह खाद्य पदार्थों, आवश्यक दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहा है।
आवश्यक खाद्य पदार्थों और ईंधन प्रदान करने के लिए भारत की ऋण सुविधा, संकट के प्रारंभिक चरण में श्रीलंका के लिए एक जीवन रेखा साबित हुई।
श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया में भारत अहम भूमिका निभा रहा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत पैकेज पाने के लिए ऋण पुनर्गठन जरूरी है।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि एशियाई विकास बैंक श्रीलंका को 50 करोड़ अमेरिकी डालर का ऋण देने पर सहमत हो गया है।
भाषा रवि कांत नरेश
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