जर्मनी में जी-7 नेताओं के आगमन के पहले विरोध के लिए जुटे प्रदर्शनकारी

जर्मनी में जी-7 नेताओं के आगमन के पहले विरोध के लिए जुटे प्रदर्शनकारी

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  • Publish Date - June 25, 2022 / 07:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

म्यूनिख (जर्मनी), 25 जून (एपी) जर्मनी में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए नेताओं के आगमन के पहले विभिन्न मुद्दों पर विरोध जताने के लिए शनिवार को म्यूनिख में करीब 3500 प्रदर्शनकारी एकत्र हुए।

इस साल जर्मनी जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है और बेवारियान आल्पस में समूह की बैठक होने वाली है। जर्मनी की समाचार एजेंसी ‘डीपीए’ के अनुसार, पुलिस ने पूर्व में कहा था कि 20 हजार प्रदर्शनकारियों के एकत्र होने की आशंका है लेकिन फिलहाल कम लोग ही आए हैं। भूमंडलीकरण समेत अन्य मुद्दों पर 15 संगठनों के इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की संभावना है।

इन संगठनों की विभिन्न मांगों में चरणबद्ध तरीके से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को समाप्त करना, पशुओं एवं पौधों की विविधता का संरक्षण तथा पृथ्वी पर सामाजिक न्याय के लिए और भुखमरी के खिलाफ संघर्ष शामिल है।

म्यूनिख में प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले संगठन ग्रीनपीस के किल्लन वोल्टर ने कहा, ‘‘जी-7 के लिए हमारी मांग है कि वे 2035 तक सभी प्रकार के जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल पर रोक को लेकर स्पष्ट प्रतिबद्धता व्यक्त करें ताकि हम युद्ध और संघर्षों के वित्तपोषण को रोक सकें।’’

इससे पहले, गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाले संगठन ऑक्सफेम ने भी प्रदर्शन किया। ऑक्सफेम के प्रवक्ता तोबियान हौचाइल्ड ने कहा, ‘‘हमें अपने समय के कई संकटों से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है। इसका मतलब है कि जी-7 को तुरंत कदम उठाने होंगे। उन्हें भुखमरी, असमानता और गरीबी दूर करने के लिए उपाय करने होंगे।’’

विरोध प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए कुल 18 हजार पुलिसकर्मियों को शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल के आसपास तैनात किया गया है। जर्मनी की गृह मंत्री नैन्सी फैसर ने न्यूज पोर्टल ‘टी-ऑनलाइन’ से कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सभी प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करेंगे, किसी को चोट नहीं पहुंचाएंगे और किसी भी कार या स्टोर को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।’’

जी-7 नेताओं के शनिवार की दोपहर से जर्मनी पहुंचने की उम्मीद है। समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं। सम्मेलन में यूक्रेन-रूस संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा एवं खाद्य संकट जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

एपी आशीष उमा

उमा