दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादियों को ‘ब्लैकलिस्ट’ करने के तथ्यपरक प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालना ‘बेहद खेदजनक’ : भारत |

दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादियों को ‘ब्लैकलिस्ट’ करने के तथ्यपरक प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालना ‘बेहद खेदजनक’ : भारत

दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादियों को ‘ब्लैकलिस्ट’ करने के तथ्यपरक प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालना ‘बेहद खेदजनक’ : भारत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : August 10, 2022/12:11 am IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, नौ अगस्त (भाषा) भारत ने मंगलवार को चीन की अध्यक्षता में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि ‘यह बेहद खेदजनक’ है कि दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादियों को ‘ब्लैकलिस्ट’ (काली सूची में डालने) करने के लिए सही और तथ्यपरक प्रस्ताव को डंडे बस्ते में डाल दिया गया।

भारत ने कहा कि इस तरह के ‘‘दोहरे मानदंड’’ ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध व्यवस्था की विश्ववसनीयता को ‘सर्वकालिक निम्न स्तर’ पर पहुंचा दिया है।

उल्लेखनीय है कि इस साल के जून में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने अंतिम समय में भारत और अमेरिका द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को रोक दिया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने कहा कि आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के अनुरोध को बिना स्पष्टीकरण दिए लंबित रखने या बाधित करने की प्रवृत्ति खत्म होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिबंध समिति के प्रभावी कार्य के लिए जरूरी है कि वह अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और निष्पक्ष हो। आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के अनुरोध को बिना सुने और स्पष्टीकरण दिए लंबित रखने या बाधित करते की प्रवृत्ति खत्म होनी चाहिए।’’

‘‘आतंकवादी कृत्यों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा’’ विषय पर चीन की अध्यक्षता में बुलाई गई सुरक्षा परिषद की बैठक में कम्बोज ने कहा, ‘‘यह बहुत खेदजनक है कि दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए सही और तथ्य आधारित प्रस्ताव लंबित रखा जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दोहरा मानदंड और राजनीतिकरण के जारी रहने से प्रतिबंध समिति की विश्वसनीयता ‘सर्वकालिक निम्न स्तर’ पर चली गई है। हम उम्मीद करते हैं कि सुरक्षा परिषद के सभी देश तब एक आवाज में बोलेंगे जब अतंरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात आएगी।’’

भाषा धीरज अमित

अमित

 

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