क्वाड ने मुंबई और पठानकोट आतंकवादी हमलों की भर्त्सना की |

क्वाड ने मुंबई और पठानकोट आतंकवादी हमलों की भर्त्सना की

क्वाड ने मुंबई और पठानकोट आतंकवादी हमलों की भर्त्सना की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : May 24, 2022/5:10 pm IST

तोक्यो, 24 मई (भाषा) भारत, आस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के नेताओं ने मंगलवार को आतंकवाद तथा हिंसक चरमपंथ के सभी रूपों की स्पष्ट तौर पर निंदा करने के साथ ही, पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों द्वारा अंजाम दिये गये मुंबई और पठानकोट हमलों सहित अन्य आतंकी हमलों की भी फिर से भर्त्सना की।

उल्लेखनीय है 26 नवंबर 2008 को मुंबई में और दो जनवरी 2016 को पठानकोट में आतंकी हमले हुए थे।

यहां क्वाड नेताओं की बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक बार फिर कहा कि किसी भी आधार पर आतंकी कृत्यों को उचित नहीं ठहराया जा सकता।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ के सभी रूपों की स्पष्ट तौर पर निंदा करते हैं। ’’

चारों नेताओं ने छद्म आतंकवादियों के इस्तेमाल की निंदा की और आतंकी समूहों को साजो-सामान, वित्तीय या सैन्य सहयोग नहीं देने के महत्व पर जोर दिया क्योंकि इनका इस्तेमाल सीमा पार से आतंकी हमलों सहित इसकी साजिश रचने में किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया।

नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हम 26/11 मुंबई हमलों, पठानकोट हमलों सहित आतंकवादी हमलों की फिर से निंदा करते हैं। ’’

पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने मुंबई हमले और जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस हमले को अंजाम दिया था।

हाफिज सईद के नेतृत्व वाला जमात उद दावा, लश्कर ए तैयबा का मुखौटा संगठन है, जो 2008 के मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गये थे।

पाकिस्तानी नागरिक सईद, संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है जिस पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का ईनाम रखा हुआ है।

पिछले महीने, भारत सरकार ने आतंकवादी अली कशीफ जान को आतंकवादी घोषित किया था, जो पठानकोट एयरबेस पर 2016 में हुए आतंकी हमले का सूत्रधार था। इस हमले में सात भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे।

अपने संयुक्त बयान में क्वाड नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 (2021) की भी पुन:पुष्टि की, जो यह मांग करता है कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश पर हमला करने या आतंकवादियों को पनाह या प्रशिक्षण देने, या आतंकी हमलों की साजिश रचने या वित्तपोषण के लिए नहीं करने दिया जाना चाहिए।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’ (एफएटीएफ) की सिफारिशों के अनुरूप सभी देशों द्वारा धन शोधन की रोकथाम करने और आतंकवाद को वित्तपोषण रोकने के अंतरराष्ट्रीय मानदंड को बरकरार रखने के महत्व पर जोर देते हैं। ’’

पेरिस स्थित अंतर सरकारी संस्था एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 से ‘ग्रे’ सूची में रखा हुआ है।

भाषा

सुभाष नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)