रोम, 21 फरवरी (एपी) निमोनिया और श्वसन संक्रमण से जूझ रहे पोप फ्रांसिस (88) को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हुए शुक्रवार को एक सप्ताह पूरा हो गया है। वेटिकन ने यह जानकारी दी।
वेटिकन ने बृहस्पतिवार देर रात बताया कि पोप के स्वास्थ्य में ‘थोड़ा सुधार’ हुआ है और उनका हृदय भी ठीक तरह से काम कर रहा है। लेकिन यह समझने में अभी कुछ समय लगेगा कि विभिन्न दवाइयां और उपचार प्रणाली बेहतर तरीके से असर कर रहीं है या नहीं। कुछ बाहरी चिकित्सकों ने बताया कि ऐसे गंभीर रोगियों को निमोनिया से उबरने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है।
शुक्रवार की सुबह जारी बुलेटिन के अनुसार, ‘‘रात सही गुजरी और आज सुबह पोप फ्रांसिस उठे और उन्होंने नाश्ता किया।’’
फ्रांसिस को ‘ब्रोंकाइटिस’ की समस्या के बाद 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था और चिकित्सकों ने जटिल श्वसन संक्रमण का निदान किया जिसका कारण बैक्टीरिया व वायरस आदि थे। उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया की शुरूआत हुई थी। चिकित्सकों ने उन्हें पूरी तरह से आराम की सलाह दी।
फ्रांसिस के कुछ कार्डिनल्स ने बृहस्पतिवार को इस सवाल पर प्रतिक्रिया देना प्रारंभ किया कि अगर फ्रांसिस गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और पद पर बने रहने में असमर्थ हो जाते हैं तो क्या वे इस्तीफा दे सकते हैं। पोप बेनेडिक्टXVI द्वारा पोप के सेवानिवृत्त होने की पहल शुरू करने बाद फ्रांसिस ने कहा है कि वे सेवानिवृत्त होने पर विचार करेंगे।
फ्रांस के मार्सिले के आर्कबिशप कार्डिनल जीन-मार्क एवलीन ने कहा, ‘‘कुछ भी संभव है।’’
एक अन्य कार्डिनल जियानफ्रेंको रावासी से पूछा गया कि क्या फ्रांसिस भी अब पोप बेनेडिक्ट XVI के पदचिन्हों पर चलने का फैसला कर सकते हैं और अगर वे बहुत बीमार हो जाते हैं तो पद छोड़ सकते हैं।
पिछले 600 वर्षों में बेनेडिक्ट सेवानिवृत्त होने वाले पहले पोप बने थे, उन्होंने 2013 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
फ्रांसिस 2023 में निमोनिया से गंभीर रूप से पीड़ित हुए थे और उन्हें सर्दियों में श्वसन संक्रमण होने का खतरा रहता है।
रावासी ने आरटीएल 102.5 रेडियो से बातचीत में कहा, ”इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर वह (फ्रांसिस) ऐसी स्थिति में हो जिसमें उनकी लोगों से सीधे संपर्क की क्षमता प्रभावित हो रही हो तो वह इस्तीफा देने का फैसला कर सकते हैं।”
फ्रांसिस ने 2022 में पुष्टि की थी कि पोप चुने जाने के तुरंत बाद उन्होंने त्यागपत्र लिख दिया था, क्योंकि हो सकता है कि चिकित्सा समस्याओं के कारण उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने में बाधा उत्पन्न हो।
एपी यासिर पवनेश
पवनेश
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