लश्कर और जेईएम जैसे संगठनों के बीच संबंध क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष खतरा : भारत |

लश्कर और जेईएम जैसे संगठनों के बीच संबंध क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष खतरा : भारत

लश्कर और जेईएम जैसे संगठनों के बीच संबंध क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष खतरा : भारत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : June 24, 2022/12:16 am IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 23 जून (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे संगठनों के बीच संबंध क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष खतरा है।

साथ ही भारत ने यह सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आह्वान किया कि अफगानिस्तान आतंकवादी समूहों के लिए पनाहगाह नहीं बने। पाकिस्तान की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए भारत ने यह भी कहा कि प्रतिबंधित संगठनों को इस क्षेत्र में स्थित आतंकी पनाहगाहों से कोई मदद नहीं मिलना भी सुनिश्चित किया जाए।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने यूएनएएमए पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि अफगानिस्तान में ‘आईएसआईएल-खोरासन’ की मौजूदगी और हमले करने की उनकी क्षमता में खासी वृद्धि हुई है।

‘आईएसआईएल-खोरासन’, आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का एक सहयोगी समूह है, जो कि अफगानिस्तान से अपनी गतिविधियां चलाता है।

तिरुमूर्ति ने 1988 की प्रतिबंध समिति की हालिया रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला दिया, जिसमें संकेत दिया गया था कि अफगानिस्तान में मौजूदा प्राधिकारियों को अपनी आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए और अधिक मजबूत कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

भाषा शफीक अमित

अमित

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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