भारत के साथ एंटीबायोटिक के क्षेत्र में अनुसंधान दुनिया के बड़े स्वास्थ्य खतरे से निपटेगा: जाविद |

भारत के साथ एंटीबायोटिक के क्षेत्र में अनुसंधान दुनिया के बड़े स्वास्थ्य खतरे से निपटेगा: जाविद

भारत के साथ एंटीबायोटिक के क्षेत्र में अनुसंधान दुनिया के बड़े स्वास्थ्य खतरे से निपटेगा: जाविद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : June 30, 2022/10:48 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 30 जून (भाषा) ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया के लिए एंटीबायोटिक के अत्यधिक उपयोग को रोकना जरूरी है तथा एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) में भारत-ब्रिटेन की साझेदारी कोविड-19 महामारी के दौरान टीका साझेदारी के बाद अगला बड़ा कार्यक्षेत्र है।

इंडिया ग्लोबल फोरम के यूके-इंडिया वीक सम्मेलन में उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन सरकार ने दवा प्रतिरोधी संक्रमणों से निपटने के लिए नये उपचार तरीके खोजने में और निवेश की घोषणा की है।

सरकार के ग्लोबल एएमआर इनोवेशन फंड से 45 लाख पाउंड का निवेश विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिह्नित दवा प्रतिरोधी संक्रमणों के उपचार के नये तरीके विकसित करने के लिए ग्लोबल एंटीबायोटिक रिसर्च एंड डवलपमेंट पार्टनरशिप में कारगर होगा।

जाविद ने पीटीआई से कहा, ‘‘भारत के साथ सहयोग का एक बड़ा क्षेत्र एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरक्षा (एएमआर) का है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें मिलकर एंटीबायोटिक के उपयोग को रोकना चाहिए और नये एंटीबायोटिक्स के लिए अनुसंधान और विकास करना चाहिए।’’

ब्रिटिश पाकिस्तानी जाविद के पिता जालंधर में जन्मे थे। उन्होंने कहा कि उनके दिल में भारत की खास जगह है। उन्होंने पुष्टि की कि भारत-ब्रिटेन स्वास्थ्य संवाद भारत में इस साल के आखिर में होना है जो महामारी की वजह से स्थगित हो गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के माध्यम से हमारा टीका सहयोग उत्कृष्ट रहा। भारत और ब्रिटेन मिलकर काम कर रहे हैं और भविष्य के स्वास्थ्य संबंधी खतरों से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे।’’

इंडिया ग्लोबल फोरम सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने डिजिटल तरीके से भाग लिया और उन्होंने भी टीकों और दवाओं के क्षेत्र में भारत-ब्रिटेन सहयोग को रेखांकित किया।

मांडविया ने कहा, ‘‘कोविड के साथ स्वास्थ्य देखभाल और आपातकालीन संकट प्रबंधन पहले से मजबूत ब्रिटेन-भारत स्वास्थ्य साझेदारी में एक और महत्वपूर्ण सहयोग के क्षेत्र के रूप में उभरा है।’’

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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