एससीओ देश समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए अफगानिस्तान को प्रेरित करें :शी |

एससीओ देश समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए अफगानिस्तान को प्रेरित करें :शी

एससीओ देश समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए अफगानिस्तान को प्रेरित करें :शी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : September 17, 2021/7:35 pm IST

बीजिंग, 17 सितंबर (भाषा) चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों को समन्वय बढ़ाना चाहिए और उदार नीतियां बनाने के लिए एक समावेशी राजनीतिक ढांचा तैयार करने को लेकर अफगानिस्तान को प्रेरित करना चाहिए। साथ ही, काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद आतंकवाद के सभी स्वरूपों से दृढ़ता से लड़ना चाहिए।

ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में एससीओ के 21 वें शिखर सम्मेलन को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए शी ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान जबरदस्त बदलाव के दौर से गुजरा है। ’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो लिंक के जरिए शिखर सम्मेलन को संबोधित किया और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आठ देशों के समूह की बैठक में शरीक हुए। एससीओ के सदस्य देशों में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं।

शी ने अपने संबोधन में तालिबान का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘विदेशी सैनिकों की वापसी ने इसके इतिहास में एक नया अध्याय खोल दिया, लेकिन अफगानिस्तान अब भी कई दुरूह चुनौतियों का सामना कर रहा है और उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासतौर पर हमारे क्षेत्र के देशों के सहयोग की जरूरत है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम एससीओ सदस्य देशों को समन्वय बढ़ाने, एससीओ-अफगानिस्तान संपर्क समूह जैसे मंचों का पूरा उपयोग करने और अफगानिस्तान में सुगमता से परिवर्तन लाने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अफगानिस्तान को व्यापक आधार वाला एवं समावेशी राजनीतिक ढांचा अपनाने, उदार घरेलू एवं विदेश नीतियां अपनाने, आतंकवाद के सभी स्वरूपों से दृढ़ता से लड़ने तथा शांति, स्थिरता व विकास के पथ पर बढ़ने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है।’’

तालिबान के काबुल पर मध्य अगस्त में कब्जा करने के पहले और बाद में उससे (तालिबान से) संपर्क कायम रखने वाले चीन ने युद्ध प्रभावित देश को खाद्य सहायता के लिए 3.1 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है।

शी ने यह भी कहा, ‘‘हमें अपने-अपने देशों में चुनाव सहित अहम राजनीतिक एजेंडा क्रमिक रूप से आगे बढ़ाने में भी एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। हमें अपने क्षेत्र के देशों के घरेलू मामलों में किसी बाहरी हस्तक्षेप की इजाजत नहीं देनी चाहिए। ’’

उन्होंने कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति को राजनीतिक रंग देने के किसी भी कार्य का सख्त विरोध करते हुए कहा, ‘‘हमें वायरस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत करने, टीकों के निष्पक्ष एवं समतापूर्ण वितरण को बढ़ावा देने तथा कोविड-19 की उत्पत्ति को राजनीतिक रंग देने का सख्त विरेाध करने की जरूरत है। ’’

भाषा

सुभाष दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)