गुप्त इतिहास : माउंटबेटन के कुछ दस्तावेज जारी, शेष तक पहुंचना अभी बाकी |

गुप्त इतिहास : माउंटबेटन के कुछ दस्तावेज जारी, शेष तक पहुंचना अभी बाकी

गुप्त इतिहास : माउंटबेटन के कुछ दस्तावेज जारी, शेष तक पहुंचना अभी बाकी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : August 3, 2021/4:28 pm IST

जेनी हॉकिंग : एमेरिटस प्रोफेसर, मोनाश विश्वविद्यालय

मेलबर्न, तीन अगस्त ३ (द कन्वरसेशन) दशकों से शाही परिवार की ऐतिहासिक सामग्री का एक विशाल संग्रह ब्रिटेन में चुपचाप जारी कर दिया गया है। यह 1920 से 1968 तक लॉर्ड लुइस माउंटबेटन और उनकी पत्नी लेडी एडविना की डायरियां हैं।

महारानी विक्टोरिया के अंतिम परपोते और प्रिंस फिलिप के चाचा और प्रिंस चार्ल्स के पर-चाचा के रूप में माउंटबेटन का क्वीन एलिजाबेथ के दरबार में खास प्रभाव था।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त अभियानों के प्रमुख से लेकर बेड़े के एडमिरल तक उनका एक लंबा, आम तौर पर कुलीन, नौसेना अधिकारी का कैरियर रहा। वह भारत के अंतिम वायसराय भी थे, जिन्होंने देश के विभाजन और संक्रमण काल का नेतृत्व किया। इन सभी ने माउंटबेटन को शाही परिवार और उससे जुड़े घटनाक्रम के बारे में एक बेजोड़ अंतर्दृष्टि प्रदान की।

इस सामग्री के जारी होने से शाही परिवार पर तो प्रकाश पड़ता ही है साथ ही यह हमारे इतिहास तक पहुँचने की महत्वपूर्ण बाधाओं पर भी एक बार फिर प्रकाश डालता है।

माउंटबेटन की डायरियों को इतिहासकार और माउंटबेटन के जीवनी लेखक एंड्रयू लॉनी के प्रयासों के कारण जारी किया गया है? जिन्होंने इन गुप्त डायरियों तक सार्वजनिक पहुंच पाने के लिए चार साल तक संघर्ष किया।

उन्हें ब्रॉडलैंड्स आर्काइव्स में रखा गया है, जिसे साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ने 2010 में माउंटबेटन परिवार से सार्वजनिक धन का उपयोग करके 28 लाख पाउंड में खरीदा था। उस समय, विश्वविद्यालय ने कहा था कि वह भविष्य की पीढ़ियों के उपयोग के लिए इस संग्रह को पूरी तरह से संरक्षित रखेगा और सार्वजनिक पहुंच सुनिश्चित करेगा।

विश्वविद्यालय के रिकार्ड में इनका कानूनी दर्जा ‘‘सार्वजनिक रिकार्ड’’ के तौर पर दर्ज किया गया है और कहा गया है कि वह स्थानांतरण के लिए मुक्त हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के एक इतिहासकार द्वारा सरकार को इन दस्तावेज में ‘‘शाही परिवार का संदर्भ’’ होने के संबंध में चेतावनी दिए जाने के बाद इन्हें बंद कर दिया गया।

लॉनी ने शुरू में ब्रिटेन के सूचना की स्वतंत्रता कानून के तहत इन डायरी और पत्रों को रिलीज करने की मांग की थी, जिसे विश्वविद्यालय ने अस्वीकार कर दिया था। उसने इस संबंध में केबिनेट के एक निर्देश का हवाला दिया था। उसके बाद एक सफल अपील के बावजूद विश्वविद्यालय अवमानना ​​​​कार्रवाई की धमकी देने तक उसे नजरअंदाज करता रहा।

अंत में, पिछले महीने के अंत में, 22 सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किए गए एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए, जिसमें ‘‘बिना किसी रुकावट और देरी के उनके प्रकाशन’’ का आह्वान किया गया। विश्वविद्यालय ने अंततः कई डायरियों को जारी किया – हालांकि सभी नहीं।

इस बीच, लॉनी ने माउंटबेटन अभिलेखागार तक सार्वजनिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अपने स्वयं के धन से 250,000 पाउंड खर्च किए।

भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत जॉन केनेथ गैलब्रेथ माउंटबेटन द्वारा व्यक्तिगत लाभ के लिए शाही विशेषाधिकार के बेधड़क उपयोग का वर्णन कर चुके हैं। उनके अनुसार ‘‘अन्य किसी ने भी शाही परिवार से संपर्क का इतना फायदा नहीं उठाया।’’

तो माउंटबेटन का यह संग्रह एक लुप्त होते, विघटित, यूरोपीय राजघराने के अंतिम वर्षों और ब्रिटिश राजनीतिक इतिहास के प्रमुख प्रकरणों को एक अलग नजरिए से जानने का मौका प्रदान करेगा।

माउंटबेटन की कई (कभी-कभी परस्पर विरोधी) भूमिकाओं ने बड़े विवादों को जन्म दिया जिस पर विशेष रूप से डायरी और पत्र बहुत प्रकाश डालेंगे। इसमें 1942 में डिएप्पे में फ्रांसीसी तट पर छापे का उपद्रव भी शामिल है। जैसा कि गैलब्रेथ ने भी उल्लेख किया है, यह व्यापक रूप से युद्ध का सबसे खराब, महंगा और विनाशकारी स्वरूप माना जाता था।

इसमें भारत का विवादास्पद, क्रूर, विभाजन भी है। और उनकी अपरंपरागत ‘‘खुली शादी’’, जिसमें एडविना का भारत के स्वतंत्रता के बाद के पहले प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू के साथ घनिष्ठ संबंध शामिल हैं। इस उल्लेखनीय साझा संग्रह के आलोक में इन सभी का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।

हालांकि बहुत सी फाइलें इस सार्वजनिक रिलीज से गायब है, जिनमें लॉनी की विशेष रूप से दिलचस्पी थी।

इनमें 1947 और 1948 की डायरियां शामिल हैं, जो आजादी से पहले के भारत में माउंटबेटन की भागीदारी, संक्रमणकाल और विभाजन से जुड़ी हैं। ब्रिटिश साम्राज्य के इतिहास में विवादास्पद समय को कवर करने वाले ये महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज बंद हैं और उन तक सार्वजनिक पहुंच की लड़ाई जारी है।

द कन्वरसेशन एकता एकता

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