क्षुद्रग्रहों को धरती से टकराने से रोकने के लिए सात शीर्ष रक्षा उपाय |

क्षुद्रग्रहों को धरती से टकराने से रोकने के लिए सात शीर्ष रक्षा उपाय

क्षुद्रग्रहों को धरती से टकराने से रोकने के लिए सात शीर्ष रक्षा उपाय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : June 30, 2022/7:57 pm IST

(एंड्रयू एस रिवकिन, जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी अप्लाइड फिजिक्स)

बाल्टीमोर(अमेरिका),30 जून (360इंफो) किसी दिन हम आसमान से एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर आते हुए देखेंगे। हमारी प्रतिक्रिया इस बात पर निर्भर करेगी कि जब हमने उस क्षुद्रग्रह को देखा था तब वह कितनी दूरी पर था, कितना बड़ा था और वह धरती पर कहां टकराने वाला है।

चार रणनीतियों की सर्वाधिक संभावना है, लेकिन अंतरिक्ष से तीव्र गति से आने वाले किसी क्षुद्रग्रह की टक्कर को नाकाम करने के लिए कई अन्य विकल्पों का पता लगाया जा रहा है।

मकान के ‘बेसमेंट’ में छिप जाइए या औपचारिक शब्दावली में ‘सिविल डिफेंस’ का तरीका अपनाएं – जिसका उपयोग समुद्री चक्रवात या तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं में किया जाता है, जब अल्पकालिक चेतावनी दी जाती है।

संभव हो तो लोगों को प्रभावित इलाके से निकाल लिया जाएगा और उसके बाद वे किसी सुरक्षित स्थान पर शरण ले सकते हैं।

यह किसी छोटी वस्तु से बचने के लिए एक विकल्प हो सकता है जैसे कि एक मीटर आकार की कोई वस्तु जो साल में कई बार पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है लेकिन धरती से अक्षुण्ण स्थिति में नहीं टकराती है।

यह 20 मीटर आकार के क्षुद्रग्रहों के लिए भी एक बचाव हो सकता है जिसमें रूस के चेलियाबिंस्क के ऊपर 2013 में विस्फोट हो गया था। इसमें 1500 से अधिक लोग घायल हो गये थे।

स्थानीय निवासी इससे अनजान थे और वे इससे बचने के लिए सुरक्षित स्थान पर नहीं छिपे थे, इसलिए वे विस्फोट के कंपन के चलते टूटी कांच के टुकड़ों की जद में आने से घायल हो गये। हालांकि, थोड़ी सी भी चेतावनी हर किसी को सुरक्षित रख सकती थी।

इस तरह के अपेक्षाकृत कम गंभीर प्रभाव के लिए शहर में संसाधन तैयार किये जाने की मात्रा क्षुद्रग्रह के धरती से टकराने को नाकाम करने के लिए जरूरी संसाधन से काफी कम है।

बीस मीटर से कम व्यास के क्षुद्रग्रहों से बचने के लिए लोग संभावित प्रभाव क्षेत्र वाले इलाके खाली कर सकते हैं और सुरक्षित स्थान पर जा सकते हैं।

हालांकि, बड़े क्षुद्रग्रह के धरती से टकराने का प्रभाव उस क्षेत्र, महाद्वीप या पूरी दुनिया में भयावह होगा। इसके समुद्र में टकराने से सुनामी आ सकती है।

इन मामलों में, प्रभाव को यथासंभव रोकने के लिए दबाव हो सकता है।

मानव के पास क्षुद्रग्रहों को नाकाम करने के लिए जो सर्वाधिक शक्तिशाली हथियार है, वह सबसे अधिक विवादास्पद भी है।

फिल्म में क्षुद्रग्रह को नष्ट करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग किया जाना दिखाया जाता है हालांकि धरती की रक्षा में उनका उपयोग कारगर नहीं हो सकता है।

यह उपाय करना सबसे महत्वपूर्ण है कि क्षुद्रग्रह अक्षुण्ण रहें और उन्हें एक वस्तु के रूप में मार्ग से भटकाया जाए, बजाय इसके कि उसके छोटे-टोटे टुकड़े कर दिये जाए-जिनमें से कुछ पृथ्वी की ओर भी आ सकते हैं।

पृथ्वी पर परमाणु हथियारों का परीक्षण 80 वर्षों से अधिक समय से किया जाता रहा है लेकिन अंतरिक्ष में उनका इस्तेमाल करना अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।

एक ‘काइनेटिक इम्पैक्टर’ तकनीक तीसरा विकल्प उपलब्ध करा सकता है और इसका उपयोग किया जा सकता है।

यह तकनीक बहुत सरल है : संबद्ध क्षुद्रग्रह में एक अंतरिक्ष यान को प्रवेश कराया जाता है और अंतरिक्ष यान की गति का इस्तेमाल क्षुद्रग्रह की कक्षा को बदलने के लिए किया जाता है।

नवंबर 2021 में पेश की गई डबल एस्ट्रॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट इस तकनीक का उपयोग करने की कोशिश करेगी।

गुरुत्व उपकरण भी अन्य उपायों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर परिणाम देता है। यह क्षुद्रग्रह को धकेल कर उसे मार्ग से भटका देता है।

एक अन्य उपाय क्षुद्रग्रह की चमक को बदलना और उसकी कक्षा बदलने के लिए एक गैर गुरुत्वीय बल का उपयोग करना है, जिसे यार्कोवस्काई प्रभाव के नाम से जाना जाता है।

वहीं, एक अन्य विकल्प क्षुद्रग्रह के निकट एक शक्तिशाली लेजर के साथ एक अंतरिक्ष यान को तैनात करना होगा, जो नीचे की सतह को वाष्पीकृत कर देगा और उसकी कक्षा बदलने के लिए एक छोटे रॉकेट का काम करेगा।

(360इंफो.ओआरजी)

सुभाष दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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