इराक और लेबनान में शिया मुसलमानों ने 'यौम-ए-आशूरा' मनाया |

इराक और लेबनान में शिया मुसलमानों ने ‘यौम-ए-आशूरा’ मनाया

इराक और लेबनान में शिया मुसलमानों ने 'यौम-ए-आशूरा' मनाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : August 9, 2022/3:30 pm IST

बगदाद, नौ अगस्त (एपी) इराक और लेबनान में शिया मुसलमानों ने मंगलवार को ‘यौम-ए-आशूरा’ मनाया। इस्लामी कैलेंडर के मोहर्रम महीने के दसवें दिन मनाए जाने वाले ‘यौम-ए-आशूरा’ पर सातवीं सदी में पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है।

माना जाता है कि 680 ईसवी में दक्षिण बगदाद के करबला में हुई लड़ाई के दौरान हुसैन शहीद हो गए थे, लिहाजा ‘यौम-ए-आशूरा’ पर बड़ी संख्या में शिया मुसलमान करबला में जुटते हैं और मातम मनाते है।

शिया समुदाय के लोग हुसैन और उनके वंशजों को पैगंबर के असली वारिस के रूप में देखते हैं। एक प्रतिद्वंद्वी मुस्लिम गुट के हाथों उनकी हत्या, इस्लाम के सुन्नी और शिया संप्रदायों के बीच दरार का प्रतीक रही है।

आशूरा पर होने वाले सार्वजनिक अनुष्ठानों के चलते अक्सर इराक, लेबनान और पाकिस्तान में सांप्रदायिक तनाव देखा जाता है, जहां इस्लाम के दो मुख्य संप्रदायों के लोग अच्छी खासी तादाद में रहते हैं।

इराक में सुरक्षा बल किसी भी हिंसक घटना से बचने के लिए सतर्कता बरत रहे हैं क्योंकि शियाओं को विधर्मी मानने वाले कुछ सुन्नी चरमपंथी समूह पिछले कई वर्षों से इस अवसर पर शिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाते रहे हैं।

एपी जोहेब मनीषा प्रशांत

प्रशांत

 

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