नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे ‘दिल्ली चलो’ का साक्षी रहा सिंगापुर का पडांग बनेगा राष्ट्रीय स्मारक |

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे ‘दिल्ली चलो’ का साक्षी रहा सिंगापुर का पडांग बनेगा राष्ट्रीय स्मारक

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे ‘दिल्ली चलो’ का साक्षी रहा सिंगापुर का पडांग बनेगा राष्ट्रीय स्मारक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : August 8, 2022/8:24 pm IST

(गुरदीप सिंह)

सिंगापुर, आठ अगस्त (भाषा) सिंगापुर का मशहूर हरित स्थल पडांग, जहां से नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जून 1943 में ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया था, को मंगलवार को इस देश के राष्ट्रीय दिवस पर सिंगापुर का राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाएगा।

यह प्रतिष्ठित स्थल सिंगापुर के 74 अन्य राष्ट्रीय स्मारकों की सूची में शामिल होने वाला पहला हरा-भरा और खुला स्थान होगा।

सिंगापुर के राष्ट्रीय विरासत बोर्ड (एनएचबी) ने सोमवार को कहा कि स्मारक को संरक्षित किया जाएगा। स्मारक संरक्षण अधिनियम के तहत इसके ‘‘सशक्त राष्ट्रीय, ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व’’ को देखते हुए इसका उच्चतम स्तर का संरक्षण किया जाएगा।

संस्कृति, समुदाय और युवा मंत्री एडविन टोंग ने सोमवार को कहा, ‘‘पडांग सिंगापुर की ऐतिहासिक यात्रा के साक्षी के रूप में खड़ा है, जो हमारी सिंगापुरी पहचान और दुनिया में हमारी जगह को दर्शाता है।’’

इस ऐतिहासिक स्थल से सिंगापुर के इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य जुड़े हैं। यहां पर 12 सितंबर, 1945 को सिंगापुर में जापानियों के औपचारिक आत्मसमर्पण का जश्न मनाने वाली विजय परेड का आयोजन हुआ था।

पडांग से जुड़ी अन्य ऐतिहासिक घटनाओं में तीन जून 1959 को पहली पूर्ण निर्वाचित विधानसभा की विजय रैली, मलय में जन्मे पहले राज्य प्रमुख के रूप में यूसुफ इशाक के शासन की स्थापना, राष्ट्रीय प्रतीकों का तीन दिसंबर, 1959 को अनावरण तथा नौ अगस्त, 1966 को राष्ट्रीय दिवस परेड का उद्घाटन शामिल है।

पडांग सिंगापुर के सबसे पुराने सार्वजनिक मनोरंजन या समारोह स्थलों में से एक है। यह प्रारंभिक औपनिवेशिक काल से खेल आयोजनों की मेजबानी करता रहा है। सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन के प्रमुख प्रोफेसर राजेश राय ने पडांग के आजाद हिन्द फौज (आईएनए) के साथ संबंध के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि सिंगापुर में भारतीय समुदाय के लिए पडांग का विशेष महत्व है, क्योंकि यहीं पर भारतीय सिपाहियों ने सबसे पहले तब अपने शिविर स्थापित किए थे जब अंग्रेजों ने द्वीप पर अपनी चौकी स्थापित की थी।

राय ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह पडांग ही था, जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हजारों आईएनए सैनिकों और स्थानीय भारतीय आबादी के लिए कई भाषण दिए थे। यहीं पर उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया और ‘झांसी की रानी’ नामक रेजिमेंट की स्थापना की। युद्ध समाप्त होने से ठीक पहले, बोस ने पडांग के दक्षिणी किनारे पर आईएनए स्मारक की स्थापना की थी।’’

भाषा संतोष नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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