रूस एवं उत्तर कोरिया के बीच समझौते की दक्षिण कोरिया ने तीखी आलोचना की

रूस एवं उत्तर कोरिया के बीच समझौते की दक्षिण कोरिया ने तीखी आलोचना की

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  • Publish Date - June 20, 2024 / 06:17 PM IST,
    Updated On - June 20, 2024 / 06:17 PM IST

सियोल, 20 जून (एपी) दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुए उस समझौते की कड़ी निंदा की जिसमें युद्ध की स्थिति में आपसी रक्षा सहयोग की बात कही गई है। इसके साथ ही राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि वह यूक्रेन को (हथियारों की) आपूर्ति को सीमित करने की अपनी नीति पर पुनर्विचार करेगा।

राष्ट्रपति कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह टिप्पणी की। इससे पहले राष्ट्रपति कार्यालय ने बुधवार को प्योंगयांग में अपने शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एवं उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच हुए समझौते की निंदा करते हुए, एक बयान जारी किया।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने बृहस्पतिवार को अपनी एक खबर में देश के नेता किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच प्योंगयांग में बुधवार को हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते की जानकारी दी।

खबर में कहा गया है कि समझौते के अनुच्छेद चार के अनुसार अगर दोनों में से किसी भी देश पर हमला होता है या फिर युद्ध की स्थिति पैदा होती है तो दूसरे देश को बिना किसी विलंब के सैन्य एवं अन्य सभी प्रकार की सहायता प्रदान करनी होगी।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल के कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि यह समझौता दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए खतरा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है, और इसका रूस-दक्षिण कोरिया संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि दक्षिण कोरिया इसके जवाब में यूक्रेन को रूसी हमले से लड़ने में मदद के लिए हथियार मुहैया कराने के मुद्दे पर पुनर्विचार करेगा।

दक्षिण कोरिया एक उभरता हथियार निर्यातक है और उसके पास अमेरिका समर्थित एक सुसज्जित सेना है। दक्षिण कोरिया ने रूस के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व वाले आर्थिक प्रतिबंधों में शामिल होने के दौरान यूक्रेन को मानवीय और अन्य सहायता प्रदान की है। लेकिन उसने अपनी पुरानी नीति का हवाला देते हुए यूक्रेन को सीधे हथियार नहीं दिए हैं।

राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, ‘यह बेतुका है कि युद्ध शुरू करने के इतिहास वाले दो पक्ष – कोरियाई युद्ध और यूक्रेन युद्ध – अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा हमले की आशंका के आधार पर आपसी सैन्य सहयोग का संकल्प ले रहे हैं, जो कभी नहीं होगा।’

इसमें कहा गया है कि सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के बावजूद उत्तर कोरिया का समर्थन करने और हमारी सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के रूस के फैसले से (दक्षिण कोरिया-रूस) संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बयान के अनुसार सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंधों के प्रस्ताव का समर्थन किया है।

एपी अविनाश रंजन

रंजन