श्रीलंका में नौ मई को हुई हिंसा के सिलसिले में शीर्ष पुलिस अधिकारी से पूछताछ की |

श्रीलंका में नौ मई को हुई हिंसा के सिलसिले में शीर्ष पुलिस अधिकारी से पूछताछ की

श्रीलंका में नौ मई को हुई हिंसा के सिलसिले में शीर्ष पुलिस अधिकारी से पूछताछ की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : May 21, 2022/6:06 pm IST

कोलंबो, 21 मई (भाषा) श्रीलंका के अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने शनिवार को एक शीर्ष पुलिस अधिकारी से पूछताछ की। यह पूछताछ नौ मई को उनके कदम को लेकर की गई है जिससे सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा हुई थी और 10 लोग मारे गए थे जबकि करीब 200 लोग घायल हुए थे।

उल्लेखनीय है कि नौ मई को उस समय श्रीलंका में हिंसा भड़क गई थी जब पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया था। सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी देश की खराब आर्थिक स्थिति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। श्रीलंका मे खाद्यान्न, ईंधन और बिजली आदि की कमी हो गई है।

ऑनलाइन पोर्टल कोलंबो गैजेट के मुताबिक इस हफ्ते की शुरुआत में गाले जिले से सांसद रमेश पथिराणा ने संसद को सूचित किया कि वरिष्ठ पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) और पश्चिमी प्रांत के प्रभारी देशबंधु तिन्नाकून ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को जानकारी दी थी कि पुलिस महानिरीक्षक चंदना डी विक्रमरत्ना ने उन्हें निर्देश दिया था कि गाले की ओर आ रही उस भीड़ को नहीं रोका जाए जो सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने जा रही थी।

पथिराणा ने कहा कि राष्ट्रपति ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने से रोकने के लिए कार्रवाई को कहा।

कोलंबो गैजेट के मुताबिक राष्ट्रपति के आदेश के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। हालांकि, उस समय तक बड़ी संख्या में लोग घायल हो चुके थे और कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी थी।

अधिकारियों ने बताया कि सीआईडी की टीम ने विक्रमरत्ना से शनिवार को पूछताछ की।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह सीआईडी ने सत्तारूढ़ दल एसएलपीपी के संसदीय समूह के तीन सदस्यों से झड़प में कथित संलिप्तता को लेकर पूछताछ की थी। वहीं, पूर्व में गिरफ्तार उनके दो सहयोगियों को 25 मई तक के लिए हिरासत में भेजा गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे और पूर्व मंत्री नमल राजपक्षे को भी शुक्रवार को समन किया गया था और उनका बयान दर्ज किया गया।

गठबंधन सरकार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि नौ मई की हिंसा को उकसाने में विपक्षी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना की भूमिका थी। लेकिन मार्क्सवादी पार्टी ने इस आरोप से इंकार किया है।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

 

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