श्रीलंका जातीय युद्ध के बाद के मुद्दों के हल के लिए काम कर रहा : पेइरिस ने जयशंकर से कहा |

श्रीलंका जातीय युद्ध के बाद के मुद्दों के हल के लिए काम कर रहा : पेइरिस ने जयशंकर से कहा

श्रीलंका जातीय युद्ध के बाद के मुद्दों के हल के लिए काम कर रहा : पेइरिस ने जयशंकर से कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : September 24, 2021/3:13 pm IST

कोलंबो/न्यूयार्क, 24 सितंबर (भाषा) श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पेइरिस ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से कहा कि उनका देश लिट्टे कैदियों की रिहाई और एक विवादास्पद आतंकवाद विरोधी कानून पर पुनर्विचार करने सहित जातीय युद्ध के बाद के विभिन्न मुद्दों के हल के लिए काम कर रहा है।

दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र से इतर बृहस्पतिवार को भेंट की।

श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जयशंकर ने न्यूयार्क में पेइरिस के साथ मुलाकात के दौरान संकेत दिया कि जातीय मुद्दों के बाद बच गए शेष मुद्दों के निष्पक्ष और न्यायपूर्ण हल की आवश्यकता दोनों देशों के हित में है।

इसमें कहा गया है कि भारतीय विदेश मंत्री ने हालांकि संकेत दिया कि भारत-श्रीलंका संबंध किसी एक मुद्दे तक सीमित नहीं रहने चाहिए।

बयान के अनुसार, पेइरिस ने मई 2009 में संघर्ष की समाप्ति के बाद शेष मुद्दों के हल के लिए श्रीलंका सरकार द्वारा की गयी ठोस एवं व्यावहारिक कार्रवाई के बारे में भारतीय विदेश मंत्री को जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और न्याय मंत्रालय आतंकवाद निरोधक कानून (पीटीए) पर पुनर्विचार करने, लिट्टे कैदियों की रिहाई और लापता व्यक्तियों के कार्यालय सहित विभिन्न स्वतंत्र संस्थानों को सशक्त बनाने जैसे प्रमुख मुद्दों के हल के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) ने एक अलग तमिल मातृभूमि बनाने के लिए श्रीलंका सरकार के साथ युद्ध छेड़ा था और 2009 में सरकारी बलों की कार्रवाई में लिट्टे प्रमुख वी प्रभाकरन की मौत के बाद वह संघर्ष समाप्त हुआ।

श्रीलंका सरकार के आंकड़ों के अनुसार, श्रीलंकाई तमिलों के साथ तीन दशक लंबे युद्ध सहित विभिन्न संघर्षों के कारण 20,000 से अधिक लोग लापता हो गए। उन संघर्षों में कम से कम 1,00,000 लोग मारे गए थे। तमिलों ने आरोप लगाया कि युद्ध के अंतिम चरण के दौरान हजारों लोगों को मार डाला गया।

श्रीलंकाई सेना ने इस आरोप का खंडन किया और उसका दावा है कि वह तमिलों को लिट्टे के नियंत्रण से मुक्त करने के लिए एक मानवीय अभियान था।

संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों पर गृहयुद्ध के अंतिम चरण के दौरान अत्याचार करने का आरोप लगाया है।

जयशंकर ने इस बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पेइरिस से मिलकर प्रसन्नता हुई…। हमारे प्रगाढ़ संबंधों पर व्‍यापक चर्चा हुयी। अपने साझा एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।’

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा

 

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